गैंगस्टर सुंदर भाटी की ये है कुंडली, ठेकों में होती थी दखल
प्रयागराज में शनिवार की रात में कॉल्विन अस्पताल में हुई अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब अतीक और अशरफ की हत्या के तार गौतमबुध नगर के गैंगस्टर सुंदर भाटी से जुड़ रहे हैं। अतीक और अशरफ की हत्या में शामिल सनी सिंह भी सुंदर भाटी के साथ हमीरपुर जेल में बंद रहा था। सुंदर भाटी की पूरी दखल ग्रेटर नोएडा की कंपनियो के अलग अलग ठेको में रहती थी। खासतौर से स्क्रेप के ठेकों दिलाने में अहम भूमिका रहती थी।
इस मामले में सुंदर भाटी के इशारे पर हत्या की भी आशंका जताई जा रही है। वारदात को पाकिस्तान से लाई गई जिगाना पिस्टल से अंजाम दिया गया। आशंका है कि पिस्टल गैंगस्टर सुंदर भाटी के गुर्गों ने ही आरोपियों को मुहैया कराई थी। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में शामिल आरोपी सनी सिंह पर 14 केस दर्ज हैं। सनी सिंह, हमीरपुर जेल में सुंदर भाटी के साथ बंद रहा है। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले और आर्थिक रूप से कमजोर हत्यारोपी सनी सिंह, लवनेश और अरुण मौर्य पर पिस्टल कहां से आईं या किसने मुहैया कराईं। इन सवालों का अब तक ठोस जवाब नहीं मिल पाया है।
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ये है सुंदर भाटी का अपराधिक सफरनामा
साल 1990 में ग्रेटर नोएडा के गांव रिठौड़ी के रहने वाले नरेश भाटी ने परिवार के कई लोगों की हत्या के बाद जरायम की दुनिया में कदम रखा। उसी दौरान नरेश का संपर्क सतवीर गुर्जर से हुआ। ग्रेटर नोएडा के घंघोला गांव का रहने वाला सुंदर भाटी भी पहले नरेश भाटी के साथ रहता था। सिकंदराबाद में ट्रक यूनियन पर कब्जे को लेकर नरेश भाटी और सुंदर भाटी के गुर्गे आपस में भिड़ गए। भिडंत में एक की जान जाने के बाद दोनों की आपस में ठन गई।