Authority: नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में लागू की गई ई-ऑक्शन प्रणाली नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को मालामाल बनाने तक सीमित नहीं है। बल्कि रजिस्ट्री विभाग को भी इस प्रणाली से काफी लाभ मिल रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है ई-ऑक्शन में जो भूखंड है वह निर्धारित कीमत से कई गुना अधिक दाम पर बिक रहे हैं। यदि सर्किल रेट से अधिक दाम पर भूखंड बिकेगे तो इसका लाभ स्टांप ड्यूटी के रूप में रजिस्ट्री विभाग को भी मिलेगा। पिछले कुछ दिनों में नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की औद्योगिक और आवासीय योजनाओं में करोड़ों रुपए के भूखंड बिके हैं। इन भूखंडों की जब रजिस्ट्री होगी तो स्टांप ड्यूटी के रूप में विभाग को अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होगा।
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जहां पहले लाखों रुपए के भूखंड बेचे जाते थे और उस पर ही स्टांप शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब निर्धारित कीमत से कई कई गुना अधिक की बोली लगाकर लोग भूखंड खरीदते हैं। तो कीमत का 5 प्रतिशत शुल्क रजिस्ट्री विभाग में जाता है, यदि महिला के नाम रजिस्ट्री कराई जाएगी तो अधिकतम 10000 रूपये तक के शुल्क की छूट होगी। इसके अलावा प्रोपटी की कीमत कुल कीतम का 1 प्रतिशत शुल्क रजिस्ट्री का देने होता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो एक करोड़ का भूखंड खरीदते हैं तो उस पर 6 लाख रूपये रजिस्ट्री कराने का खर्चा आएगा। यदि बात यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की करेे तो यहां की रजिस्ट्री करना और भी मंहगा है। नोएडा ग्रेटर नोएडा की प्रोपर्टी के लिए 5 प्रतिशत है तो यमुना के लिए 7 प्रतिशत स्टांप शुल्क लगता है। इतना ही नही प्रोपर्टी नोएडा में कि गांव की है तो उस पर भी 7 प्रतिशत स्टांप शुल्क लगेगा।