बिजनौर (Bijnor )में हिस्ट्रीशीटर आदित्य राणा उर्फ रवि को बिजनौर पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। उस पर ढाई लाख का इनाम था। आदित्य पर हत्या, लूट के 43 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। 23 अगस्त 2022 यानी करीब 8 महीने पहले शाहजहांपुर में आदित्य लखनऊ पुलिस की हिरासत से भाग गया था। वह उसी समय से फरार चल रहा था।
मंगलवार देर रात 2 बजे स्योहारा थाने के बुढ़नपुर में आदित्य की पुलिस से मुठभेड़ हुई। इसमें दोनों तरफ से हुई फायरिंग में 5 पुलिसकर्मी जख्मी हुए। जबकि आदित्य के बाकी साथी अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल में भाग गए। उनकी संख्या कितनी थी। फिलहाल इसका पता लगाया जा रहा है। एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया, देर रात स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को सूचना मिली कि आदित्य और उसके साथी बुढ़नपुर इलाके में हैं। टीम ने घेराबंदी शुरू की। पुलिस को देखते ही आदित्य और उसके साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। इस दौरान एक बदमाश के गोली लगी। बाकी भाग गए।
अंधेरे में टॉर्च की रोशनी में देखा तो गोली लगने वाला बदमाश आदित्य राणा था। घायल हालत में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मुठभेड़ में स्योहारा थाना प्रभारी राजीव चैधरी, हमराह अजय फौजी, एसओजी इंस्पेक्टर जयवीर सिंह, सिपाही अरुण और रईस घायल हैं। आदित्य के बाकी साथियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बिजनौर के राना नंगला निवासी आदित्य राणा 2 बार (2017 और 2022) में पेशी के दौरान पुलिस कस्टडी से भाग चुका था।
पिछले साल 23 अगस्त 2022 को लखनऊ पुलिस आदित्य राणा को बिजनौर कोर्ट में पेशी कराकर वापस ले जा रही थी। इस दौरान शाहजहांपुर के रेड चिली ढाबे से आदित्य पुलिस कस्टडी से भाग निकला। इसके बाद उसे राज्य स्तर का माफिया घोषित किया गया। इनाम राशि 2.50 लाख रुपए की गई। इससे पहले 2017 में भी कस्टडी से भाग चुका था। आदित्य का नाम पहली बार 2013 में गांव कासिमाबाद में हुई एक हत्या में सामने आया था। उस वक्त उसका सीआरपीएफ में चयन हो गया था। लेकिन हत्या में नाम आने के कारण वह ट्रेनिंग पर नहीं जा पाया था।