Simi Case: सुप्रीम कोर्ट ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट आॅफ इंडिया (सिमी) पर लगे प्रतिबंध को चुनौती वाले मामले पर सुनवाई टाल दी है। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने मामले की सुनवाई टालने की मांग की, जिसके बाद जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई टाल दी।
केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि सिमी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करने वाली गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल है। केंद्र सरकार ने प्रतिबंध को सही ठहराते हुए कहा है कि सिमी भारतीय राष्ट्रवाद और कानून के खिलाफ है। केंद्र का कहना है कि सिमी को देश में इस्लामी स्टेट स्थापित करने के उसके उद्देश्य से काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
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Simi Case: हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि 2001 के बाद से लगातार प्रतिबंध के बावजूद सिमी का अस्तित्व बना हुआ है। सरकार ने बताया कि तीन दर्जन से अधिक संगठनों के जरिए अपनी गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से बनाए गए संगठनों के जरिए काम करने की वजह 2019 में पांच साल के प्रतिबंध का आदेश दिया गया। सिमी के ये फ्रंट संगठन सिमी को विभिन्न गतिविधियों में मदद करते हैं जिसमें धन संग्रह, साहित्य का संचलन, कैडरों का पुनर्समूहीकरण आदि शामिल हैं।
बता दें कि सिमी के एक पूर्व सदस्य ने संगठन पर 2019 में लगाए गए प्रतिबंध को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।