DELHI: Deputy CM: दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को बाईपास करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) यहां संविधान और लोकतंत्र का गला घोटने का काम कर रहे है। संविधान में एलजी को केवल लैंड, लॉ एंड आर्डर व पुलिस संबंधित मामलों में निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है और बाकी मामलों में वे बस चुनी हुई सरकार को सलाह व सुझाव दे सकते है। लेकिन दिल्ली में एलजी संविधान की अवहेलना करते हुए सरकार को नजरअंदाज कर बाईपास कर असंवैधानिक रूप से सभी निर्णय ले रहे है। यह बात बुधवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में कहीं। सिसोदिया ने कहा कि एलजी एक काबिले के सरदार की तरह अपने बड़े सरदार को खुश करने के लिए असंवैधानिक रूप से काम कर रहे है। एलजी दिल्ली के लोगों पर अत्याचार करते हुए भूल गए है कि उनका काम अपने बड़े सरदार का हुक्म मानना नहीं बल्कि संविधान के नियमों को मानना है।
उन्होंने कहा कि देश के कानून की व्याख्या करने का सर्वोच्च अधिकार उच्चतम न्यायालय के पास,उच्चतम न्यायालय ने 1998 में कहा कि दिल्ली में एडमिनिस्ट्रेटर का मतलब एलजी जो चुनी हुई सरकार को बस सलाह देने का काम करेंगे लेकिन दिल्ली की चुनी हुई सरकार के कामों को बाईपास कर एलजी ने संविधान का अपमान किया है, लोकतंत्र का अपमान किया है, कोर्ट के संवैधानिक पीठ की अवमानना की है।
वो अधिकारियों को सस्पेंड करने की धमकी देकर उनसे असंवैधानिक तरीके से काम करवा रहे एलजी, एमसीडी के पीठासीन अधिकारी व हज कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति इसका उदाहरण है। संविधान ने एलजी को दिल्ली की पुलिस को संभालने का काम दिया उसपर उनका ध्यान नहीं,एलजी बस सरकार को असंवैधानिक रूप से बाईपास करने का काम करेंगे। भाजपा के नेता द्वारा एक युवती को कार से 12 किमी घसीटा जाता है लेकिन एलजी की हिम्मत नहीं होती कि खड़े होकर कह दे कि भाजपा के नेता ने गलत किया।
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जनता के लिए काम करने की जरुरत
DELHI: Deputy CM : सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की जनता एलजी से अपेक्षा करती है कि वे किसी सरदार की तरह कबीला स्टाइल में काम न करें बल्कि संविधान ने आपको कानून व्यवस्था को ठीक करने की जिम्मेदारी दी है उसे ठीक करें। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल से निवेदन है कि वो संवैधानिक पद पर है, संविधान का पालन करें न की किसी कबीलों के सरदार के रूप में काम करें। अपने बड़े सरदार को खुश करने के बजाय उन्हें जनता के लिए काम करने की जरुरत है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब के संविधान ने जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को-विधानसभा को कुछ जिम्मेदारी और अधिकार दिए है और बाबा साहेब द्वारा बनाये गए देश के संविधान की दूसरी सूची में एंट्री पांच पर लोकल गवर्नेंस शब्द लिखा है और वो इसलिए लिखा गया था कि देश में म्युनिसिपल बॉडीज के बारे में निर्णय लेने का अधिकार केंद्र सरकार का नहीं बल्कि राज्य सरकार का है।
एलजी को हस्तक्षेप करने की जरुरत नहीं
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के संविधान का आदर करते हुए एलजी को ये समझने कि जरुरत है कि लोकल गवर्नेंस के विषय में निर्णय राज्य सरकार और लोकल बॉडीज ही लेंगी एलजी को उसमें हस्तक्षेप करने की जरुरत नहीं है।
सिसोदिया ने एलजी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अधिकारियों को सस्पेंड करने की धमकी देकर बिना शपथ लिए कांग्रेस की एक पार्षद को हज कमेटी का सदस्य बना दिया। क्योंकि भाजपा को कांग्रेस के वोट चाहिए और एलजी के पास भाजपा के हेडक्वार्टर से आदेश आया था कि उसे सदस्य बना दे। ये देश में पहली बार हो रहा है कि एलजी चुनी हुई सरकार से कुछ नहीं पूछते और सरकार को सुझाव देने के बजाय सरकार को बाईपास करते हुए स्वयं निर्णय लेते है व अधिकारियों को अपने असंवैधानिक आदेश मानने को मजबूर करते है।