चीन में कहर मचाने वाले कोरोना के जिस वैरिएंट से दहशत मची है उसकी आमद भारत में भी हो चुकी है। भारत सरकार ने सभी को एहतियात बरतने को कहा है और मास्क लगाकर बाहर निकलने की सलाह दी है। ऐसे में कई लोगों को दोबारा कोरोना होना स्वभाविक है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर डायबिटीज मरीजों को दोबारा कोरोना हो गया तो क्या होगा? क्योंकि वे पहले से ही कई चीजों के जोखिम पर खड़े रहते हैं। डायबिटीज अपने आप में शारीरिक जटिलताओं का नाम है, जब उनमें दोबारा कोविड-19 का इंफेक्शन होगा तो ऐसा माना जा रहा है कि उनके लिए बहुत सारी दिक्कतें आएंगी।
मोहन डायेबेट्स स्पेशिएलिटी सेंटर के सीएमडी डॉ वी मोहन ने बताते है कि ज्यादा डर पैदा करने की जरूरत नहीं है। पहली बात तो यह कि अब तक कोई ऐसा डाटा नहीं है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि डायबिटीज या ब्लड शुगर के मरीजों को कोरोना होने का खतरा ज्यादा है। लेकिन असली समस्या यह है कि अगर डायबिटीज मरीजों को कोरोना संक्रमण दोबारा हो जाता है तो उनमें गंभीर समस्या होने का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा।