Mewat News: महिलाओं के लिए गहने न केवल सजावट का साधन होते हैं, बल्कि वे भावनात्मक लगाव और पारिवारिक विरासत का प्रतीक भी होते हैं। लेकिन हरियाणा के मेवात (नूंह) जिले की एक 80 वर्षीय मुस्लिम महिला ने इस लगाव को त्यागते हुए अपनी जीवन भर की बचत और पैतृक गहनों को पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दान कर दिया। इस नेक काम ने पूरे देश में मानवता की एक अनोखी मिसाल पेश की है।
तिलकपुरी गांव की रहने वाली इस महिला का नाम रहीमी है। उन्होंने अपनी चांदी की चूड़ी सहित अन्य गहने दान किए, जो उनकी जीवन भर की मेहनत और पूर्वजों की निशानी थे। रहीमी ने कहा, “बाढ़ में फंसे लोग मेरे अपने जैसे हैं। उनकी मदद करना मेरा फर्ज है।” उनके इस कदम से प्रेरित होकर गांव की अन्य महिलाओं ने भी योगदान दिया। कुल मिलाकर 2 किलोग्राम चांदी और कुछ सोने के गहने एकत्र हुए, जिन्हें बेचकर पंजाब के लिए ट्रक भरकर राशन और अन्य राहत सामग्री भेजी गई।
पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ ने हजारों लोगों को प्रभावित किया है। कई गांव जलमग्न हो गए, फसलें बर्बाद हो गईं और लोग बेघर हो गए। ऐसे में मेवात जैसे दूर-दराज इलाके से आई यह मदद न केवल पीड़ितों के लिए राहत दी है, बल्कि धार्मिक और क्षेत्रीय सीमाओं से परे एकजुटता का संदेश भी दे रही है। रहीमी की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जहां लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “यह सच्ची मानवता है, जहां उम्र और मजहब कोई मायने नहीं रखते।”
यह घटना हमें याद दिलाती है कि विपत्ति के समय छोटे-छोटे प्रयास भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं। रहीमी जैसी महिलाओं की कहानियां समाज को प्रेरित करती हैं कि मदद के लिए दिल बड़ा होना चाहिए, संसाधन नहीं। राहत कार्य अभी जारी हैं, और ऐसी कहानियां और अधिक लोगों को योगदान के लिए आगे आने को प्रोत्साहित कर रही हैं।
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