डिजिटल अरेस्ट कर 1.30 करोड़ रुपये ठग, आखिर कैसे हो जाते है अरेस्ट, क्या है पूरा झमेला
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डिजिटल अरेस्ट कर 1.30 करोड़ रुपये ठग, आखिर कैसे हो जाते है अरेस्ट, क्या है पूरा झमेला

Digital Arrest: डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ रहे है। इनकी रोकथाम के लिए पुलिस कोशिश तो कर रही है मगर कामयाब नही हो पा रही है। इस बार पार्सल में ड्रग्स होने का डर दिखाकर साइबर बदमाशों ने एक बुजुर्ग महिला को पांच दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर 1.30 करोड़ रुपये ठगे है। आरोपियों ने कुल नौ बार में पैसा ट्रांसफर कराया। पीड़िता सेक्टर-49 निवासी शुचि अग्रवाल (73) की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

पुलिस ने बताया कि शुचि अग्रवाल को 13 जून को उनके मोबाइल पर फोन आया था। कॉलर ने फेडएक्स की अंधेरी शाखा से बात करने की जानकारी देते हुए पार्सल पकड़े जाने की बात कही और कहानी सुनाई। साथ ही बताया गया कि शुचि के नाम से भेजे गए पार्सल में एलसीडी ड्रग्स, एक्सपायर पासपोर्ट और पांच किलो कपड़े समेत अन्य सामान बरामद हुए हैं।
साइबर बदमाशों ने उन्हें मुंबई आने या ऑनलाइन नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों से बात करने की सलाह दी। इसके बाद उन्हें स्काइप कॉल पर जोड़कर कथित अफसरांें से बातचीत कराई गई।

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पीड़िता को बताया गया कि उनके आधार कार्ड पर 6 अकाउंट चल रहे हैं? जिससे मनी लाॅन्ड्रिंग की जा रही है। जेल जाने के डर से महिला ने जालसाजों के बताए गए खातों में 1.30 करोड़ की रकम ट्रांसफर कर दी। खाता खाली होने तक पैसे ट्रांसफर कराए गए। बाद में रुपये वापस मांगने पर ठगों ने महिला से संपर्क तोड़ दिया।
बस सोने की दी अनुमति
सबसे पहले में आरोपियों ने करीब दस घंटे तक महिला को डिजिटल अरेस्ट रखा। जालसाजों ने महिला से कहा कि बुजुर्ग होने के चलते उसे सोने के समय स्काइप काॅल से दूर रहने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि इस दौरान कोई होशियारी करने पर महिला को जेल जाना पड़ेगा।

ऐसे लोगों से बचने का ये है सही उपाय
यदि आपके पास भी इस तरह की धमकी वाले कॉल आते हैं। मनी लॉन्ड्रिंग या इस तरह की किसी भी गैरकानूनी काम में शामिल होने की बात कही जाती है, तो आपको डरने की जरूरत नहीं है। ऐसे कॉल आने पर तुरंत पुलिस से शिकायत करें। यदि कोई मैसेज या ई-मेल आए तो उसे सबूत के तौर पर पुलिस को दें। यदि किसी कारण आपने कॉल रिसीव कर लिया और वीडियो कॉल पर कोई धमकी देने लगा तो स्क्रीन रिकॉर्डिंग के जरिये कॉल को रिकॉर्ड कर उसकी शिकायत करें। किसी भी कीमत पर डरें नहीं और पैसे तो बिलकुल भी नहीं भेजें। बता दे कि अब तक नोएडा में ही दर्जनभर से अधिक ऐसे मामले सामने आ चुके है। पुलिस केवल आरोपियों की तलाश कर रही है मगर अब तक कोई पकड़ा नही गया है।

 

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