पॉम्पियो बोले- दोनों देशों में लोकतंत्र की अहमियत
मोदी और ट्रम्प की पिछले साल हुई मुलाकात में बनी थी 2+2 वार्ता पर सहमति
नई दिल्ली। भारत-अमेरिका के बीच पहली 2+2 वार्ता गुरुवार को हुई। बातचीत में भारत की तरफ से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हुईं। अमेरिका की तरफ से माइक पॉम्पियो और जेम्स मैटिस ने हिस्सा लिया। सुषमा ने कहा कि इस बातचीत से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दोनों देशों के भविष्य के रिश्तों के दिशा-निर्देश तय कर चुके हैं।
माइक पॉम्पियो ने कहा कि हमें समुद्र, आकाश में आने-जाने की स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी चाहिए। साथ ही सामुद्रिक विवादों का शांतिपूर्ण तरीके से हल ढूंढा जाना चाहिए। दोनों देश एक-दूसरे की बाजार आधारित अर्थव्यवस्था और गुड गवर्नेंस को आगे बढ़ाएंगे।
अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाली बाहरी ताकतों से रक्षा की जाएगी। दोनों देश लोकतंत्र, व्यक्तिगत अधिकारों का सम्मान और आजादी दिए जाने में भरोसा रखते हैं। भारत पहुंचने से पहले पोम्पियो ने कहा- वार्ता में भारत और रूस मिसाइल सौदे और ईरान से तेल आयात करने पर बातचीत हो सकती है, लेकिन इस पर जोर नहीं रहेगा।
जून 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई थी। तब तय किया था कि द्विपक्षीय सहयोग के तहत रक्षा तकनीक और व्यापारिक पहल के मुद्दों पर बात करने के लिए दोनों देश हर साल दो बार बैठक करेंगे। इसके तहत पहली 2+2 वार्ता 6 सितंबर को हो रही है। इससे पहले अप्रैल और जुलाई में यह वार्ता टाल दी गई थी।