लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र सरकार से मांग की है कि, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर मुसलमानों की सभी आशंकाओं को दूर किया जाए। मालूम हो कि, सीएए संसद से पास होने के बाद से उत्तर प्रदेश समूचे देश में विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदेश के 22 जिलों में हिंसक घटनाएं हुईं, जिसमें 18 लोगों की जान गई। लोगों में, खासकर मुसलमानों में सीएए और एनआरसी को भ्रम की स्थिति है।
मायावती ने कहा- बसपा की मांग है कि केन्द्र सरकार सीएए/एनआरसी को लेकर खासकर मुसलमानों की सभी आशंकाओं को जल्दी दूर करे तथा उनको पूरे तौर से सन्तुष्ट भी करना चाहिए तो यह बेहतर होगा। यह भी कहा कि, मुस्लिम समाज के लोग सावधान भी रहें। कहीं इस मुद्दे की आड़ में उनका राजनैतिक शोषण तो नहीं हो रहा है और वे उसमें पिसने लगे हैं।
निर्दोषों को छोड़ा जाए
मायावती ने सोमवार को कहा था कि, बसपा हिंसक प्रदर्शन आदि के हमेशा विरूद्ध रही है। लेकिन पिछले कई दिनों से देश के अधिकांश भागों में व खासकर उत्तर प्रदेश में जो सीएए व एनआरसी के विरोध में हिंसक घटनाएं हुई हैं, यह अति-दु:खद व दुर्भाग्यपूर्ण हैं। लेकिन इस दौरान बिजनौर सहित कई जिलों में जो लोग मारे गए हैं, पार्टी इस दु:ख की घड़ी में उनके साथ खड़ी है तथा जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं, उनकी सही जांच-पड़ताल करके निर्दोषों को जरूर छोड़ा जाए। यह सरकार से मांग है व कानून भी यही कहता है।
हिंसा मामले में एक्शन शुरू, लखनऊ में 82 लोगों को भेजा नोटिस, पूछा- क्यों न की जाए कार्रवाई
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में बीते दिनों उग्र प्रदर्शन हुए। इस दौरान 18 लोगों की जान गई, जबकि सैकड़ो लोग घायल हुए। वहीं, सार्वजनिक संपत्तियों में तोडफ़ोड़ व आगजनी की गई। इस मामले में लखनऊ में पुलिस ने एक्शन शुरू कर दिया है। लखनऊ प्रशासन ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें नोटिस भेजा शुरू कर दिया है। अभी तक लखनऊ में 82 लोगों को नोटिस दिया गया है। इन सभी को अदालत में हाजिर होकर यह बताना होगा कि, आखिर हिंसा में चिन्हित होने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए?
हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस व जिला प्रशासन को हिंसा फैलाने वाले आरोपियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था। उन्होंने शांति की अपील करते हुए कहा था कि, जो लोग सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उनकी संपत्ति जब्त कर क्षतिपूर्ति करेंगे।
एक माह में पूरी हो जाएगी प्रक्रिया
अपर जिला मैजिस्ट्रेट ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि, हाईकोर्ट द्वारा रिट याचिका संख्या- 40831/09 मो. सुजाउद्दीन बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य में पारित आदेश के अनुपालन में क्षतिपूर्ति की वसूली की व्यवस्था दी गई है। जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है, उन्हें एक सप्ताह के भीतर न्यायालय में हाजिर होना होगा। बताना हो कि, क्यों न हिंसा के दौरान सार्वजनिक व निजी संपत्ति क्षति का दोषी मानते हुए क्षतिपूर्ति की जाए। बताया कि, इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक माह का समय निश्चित है। इसके बाद प्रशासन नियमानुसार वसूली करेगा। जिसमें संपत्ति कुर्क भी हो सकती है।
जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है हर समुदाय से मधुर संबंध बनाने के लिए प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस अधिकारी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं कहीं किसी प्रकार की अफवाह ना फैले इसके लिए पुलिस सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखे हुए हैं जिलाधिकारी के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र मिश्रा पुलिस के साथ मिलकर अलग-अलग इलाकों में जाकर लोगों में विश्वास की भावना जगा रहे हैं सेक्टर 8 स्थित जामा मस्जिद के आसपास संवेदनशीलता को देखते हुए एसपी सिटी अंकुर अग्रवाल एवं सीओ प्रथम श्वेता पांडे यहां पुलिस फोर्स के साथ गश्त कर रहे हैं इतना ही नहीं मस्जिद के आसपास पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई है दिन रात यहां कई कई इंस्पेक्टर और दर्जनों सिपाही सादे कपड़ों में घूम घूम कर अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखे हुए हैं जिलाधिकारी बीएन सिंह का कहना है कि किसी भी प्रकार की अफवाह में लोग ना आएं यदि कहीं कोई शंका हो तो पुलिस और प्रशासन से उसकी पुष्टि जरूर करें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों से पुलिस कड़ाई से निपटे गी
हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने मेरठ पहुंचे राहुल-प्रियंका
मेरठ। नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में हिंसा हुई थी। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों की मौत भी हो गई थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अब हिंसा में मारे गए प्रदर्शनकारियों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। दोनों नेता गांधी मेरठ के लिए रवाना हो गए हैं। इससे पहले प्रियंका बिजनौर भी गई थीं और हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की थी। गौरतलब है कि सोमवार को ही कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली के राजघाट पर सीएए के खिलाफ सत्याग्रह किया था, जिसमें राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी शामिल हुए थे। बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन हो रहा है. यूपी के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर समेत कई शहरों में पत्थरबाजी, गोलीबारी भी हुई थी।
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बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन किया था, यहां पुलिस पर पत्थरबाजी की थी. पुलिस ने बचाव में आंसू गैस के गोले छोड़े थे. इसी हिंसा में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी. विरोध प्रदर्शन के बाद से ही मेरठ, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर और सहारनपुर में इंटरनेट बंद है.
बिजनौर में भी परिजनों से मिली थीं प्रियंका गांधी
इससे पहले प्रियंका गांधी ने बिजनौर जिले के नहटौर में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की थी. बिजनौर में जो हिंसा हुई थी, इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी. यहां प्रियंका ने योगी सरकार पर निशाना साधा और कहा था कि नागरिकता के अधिकार का किसी को सबूत मांगने का अधिकार नहीं है. यह कानून गरीबों के खिलाफ है. ये कानून महंगाई से, बेरोजगारी से, ध्यान भटकाने के लिए लाया गया है.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अभी तक हुई हिंसा में कई केस दर्ज किए जा चुके हैं. पुलिस की ओर से 10 हजार से अधिक पर केस दर्ज किया गया है, सैकड़ों को हिरासत में भी लिया गया है. पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 250 से अधिक पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे.