नई दिल्ली। कथित माओवादी विचारधार और गैर-कानूनी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। रोमिला थापर, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे, माया दर्नाल और एक अन्य ने उच्चतम न्यायालय में गिरफ्तारी के खिलाफ अर्जी दी है। शीर्ष अदालत में इस पर आज दोपहर 3:45 पर सुनवाई होगी।
राहुल का ट्वीट
भारत में अब सिर्फ एकमात्र एनजीओ के लिए जगह है और वह आरएसएस है। दूसरे सभी एनजीओ को बंद कर दो। सभी कार्यकर्ताओं को जेल भेज दो और शिकायत करने वालों को गोली मार दो। न्यू इंडिया में स्वागत है।
-राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
इस मसले पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत में सिर्फ एक ही एनजीओ के लिए जगह है और उसका नाम है आरएसएस। राहुल के बयान पर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल खुले तौर पर माओवादियों के शुभचिंतकों को सपॉर्ट कर रहे हैं।
बता दें कि ऐक्टिविस्ट्स सुधा भारद्वाज, वरवर राव और गौतम नवलखा की गिरफ्तारी के खिलाफ यह याचिका डाली गई है। अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस याचिका को चीफ जस्टिस की अदालत में पेश किया है। याचिका में गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। इसके अलावा गौतम नवलखा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में भी दोपहर 2:15 बजे सुनवाई होगी। पुलिस ने मराठी से अंग्रेजी में डॉक्युमेंट्स के अनुवाद के लिए वक्त मांगा है। हाई कोर्ट ने पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता को दोपहर 12 बजे तक डॉक्युमेंट्स जमा करने के लिए कहा है। इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है।
इस बीच बिहार और केंद्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी जेडीयू के नेता पवन वर्मा ने इस गिरफ्तारियों पर कहा है कि सरकार को गिरफ्तार लोगों के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश करने चाहिए। अगर सबूत पुख्ता नहीं होंगे तो यह संविधान में प्रदान किए गए बोलने की आजादी का उल्लंघन होगा।
राहुल गांधी ने इस मसले पर बीजेपी सरकार पर अटैक करते हुए बुधवार शाम को ट्वीट किया, ‘भारत में सिर्फ एक ही एनजीओ के लिए जगह है और उसका नाम है आरएसएस। इसके अलावा अन्य सभी एनजीओ को बंद कर दीजिए। सभी ऐक्टिविस्ट्स को जेल में डाल दो और जो विरोध करे, उसे गोली मार दो।’ राहुल की ओर से सरकार पर ऐक्टिविस्ट्स की आवाज को दबाए जाने के आरोप लगाने पर सरकार की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है।
कौन हुआ गिरफ्तार
इस मामले में पुणे पुलिस की ओर से अब तक कुल 5 गिरफ्तारियां की गई हैं। दिल्ली, हरियाणा और हैदराबाद से 1-1 गिरफ्तारी की गई, जबकि मुंबई से 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरिया और वरनोन गोंजालवेस गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल हैं। ये छापेमारी महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना, दिल्ली और झारखंड में की गई। पुणे पुलिस ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा, ‘मनमोहन सिंह ने पीएम रहते हुए माओवादियों को भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा घोषित किया था। अब कांग्रेस अध्यक्ष खुले तौर पर इनके मुखौटा संगठनों और माओवादियों के शुभचिंतकों को सपॉर्ट कर रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा को राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए।’ वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिकासियासत भी तेजनई दिल्ली। कथित माओवादी विचारधार और गैर-कानूनी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। रोमिला थापर, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे, माया दर्नाल और एक अन्य ने उच्चतम न्यायालय में गिरफ्तारी के खिलाफ अर्जी दी है। शीर्ष अदालत में इस पर आज दोपहर 3:45 पर सुनवाई होगी। इस मसले पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत में सिर्फ एक ही एनजीओ के लिए जगह है और उसका नाम है आरएसएस। राहुल के बयान पर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल खुले तौर पर माओवादियों के शुभचिंतकों को सपॉर्ट कर रहे हैं।
बता दें कि ऐक्टिविस्ट्स सुधा भारद्वाज, वरवर राव और गौतम नवलखा की गिरफ्तारी के खिलाफ यह याचिका डाली गई है। अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस याचिका को चीफ जस्टिस की अदालत में पेश किया है। याचिका में गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। इसके अलावा गौतम नवलखा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में भी दोपहर 2:15 बजे सुनवाई होगी। पुलिस ने मराठी से अंग्रेजी में डॉक्युमेंट्स के अनुवाद के लिए वक्त मांगा है। हाई कोर्ट ने पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता को दोपहर 12 बजे तक डॉक्युमेंट्स जमा करने के लिए कहा है। इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है। इस बीच बिहार और केंद्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी जेडीयू के नेता पवन वर्मा ने इस गिरफ्तारियों पर कहा है कि सरकार को गिरफ्तार लोगों के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश करने चाहिए। अगर सबूत पुख्ता नहीं होंगे तो यह संविधान में प्रदान किए गए बोलने की आजादी का उल्लंघन होगा।
राहुल गांधी ने इस मसले पर बीजेपी सरकार पर अटैक करते हुए बुधवार शाम को ट्वीट किया, ‘भारत में सिर्फ एक ही एनजीओ के लिए जगह है और उसका नाम है आरएसएस। इसके अलावा अन्य सभी एनजीओ को बंद कर दीजिए। सभी ऐक्टिविस्ट्स को जेल में डाल दो और जो विरोध करे, उसे गोली मार दो।’ राहुल की ओर से सरकार पर ऐक्टिविस्ट्स की आवाज को दबाए जाने के आरोप लगाने पर सरकार की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा,
‘मनमोहन सिंह ने पीएम रहते हुए माओवादियों को भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा घोषित किया था। अब कांग्रेस अध्यक्ष खुले तौर पर इनके मुखौटा संगठनों और माओवादियों के शुभचिंतकों को सपॉर्ट कर रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा को राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए।’