1 min read

रमजान के दौरान लोकसभा चुनाव के लिए मतदान, मुस्लिम नेताओं ने उठाए सवाल कोलकाता/लखनऊ।

लोकसभा चुनाव की तारीखें रविवार को घोषित कर दी गईं। इस तारीखों की घोषणा होने के साथ ही एक नया विवाद सामने आया है। तीन राज्यों पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में वोटिंग की तारीखें रमजान के महीने में पड़ रही हैं। ऐसे में मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं ने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाया है।
इतना ही नहीं, उन्होंने इन तारीखों में बदलाव की मांग की है। कोलकाता के मेयर और तृणमूल कांग्रेस नेता फिरहाद हाकिम ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है और हम उसका सम्मान करते हैं। हम चुनाव आयोग के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहते, लेकिन सात फेज में होने वाले चुनाव बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए कठिन होंगे। इतना ही नहीं, इन चुनावों में सबसे ज्यादा परेशानी मुस्लिमों को होगी क्योंकि वोटिंग की तारीखें रमजान के महीने में रखी गई हैं। वहीं बीजेपी नेता और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र और संवैधानिक संस्था है। यदि किसी को तारीखों पर आपत्ति है तो वह चुनाव आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। उन्होंने कहा, रमजान में वोटिंग की तो आयोग ने मतदान के लिए 8 घंटे का समय रखा है। इस बीच कभी भी जाकर मतदान किया जा सकता है। विपक्षी दल चुनाव में हार के डर से अभी से बहाने ढूंढने लगे हैं। वहीं दूसरी ओर लखनऊ ईदगाह के इमाम खालिद रशीद फिरंगी महली ने भी चुनावों की इन तारीखों पर सवाल खड़े किए हैं।

उन्होंने चुनाव आयोग से निवेदन किया है कि इन तारीखों को रमजान से पहले या फिर ईद के बाद रखा जाए। फिरंगी महली ने कहा, चुनाव आयोग ने यूपी में 6,12 और 19 को भी वोट डालने का कहा है। जबकि 5 मई की रमजान मुबारक का चांद दिख सकता है 6 से रमजान का मुबारक महीना शुरू होगा। तीनो तारीखें रमजान के महीने में पड़ेंगी जिससे मुसलमानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।’

उन्होंने कहा कि वह चुनाव आयोग से गुजारिश करते हैं कि चुनाव की तारीखें रमजान से पहले या ईद के बाद रखें ताकि ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम वोट डालने निकलें और उन्हें कोई परेशानी न हो।

यहां से शेयर करें

50 thoughts on “रमजान के दौरान लोकसभा चुनाव के लिए मतदान, मुस्लिम नेताओं ने उठाए सवाल कोलकाता/लखनऊ।

Comments are closed.