कांग्रेस विधानमंडल दल नेता अजय कुमार लल्लू ने बताया कि फ्लाप हुई सरकार जनहित के मामलों पर मुंह छिपा रही है।
लखनऊ। विधानमंडल का मानसून सत्र 23 अगस्त से शुरु हो रहा है। जो काफी हंगामेदार होगा। सत्र के दौरान सरकार की घेराबंदी के लिए विपक्ष 21 अगस्त को रणनीति तय करेगा। देवरिया, हरदोई व प्रतापगढ़ की घटनाओं को मुद्दा बनाकर विपक्षी दल सरकार को खराब कानून व्यवस्था के लिए घेरेंगे। बाढ़ व बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान न होना भी सरकार का सिरदर्द बनेंगे।
जबकि मुख्यमंत्री ने सदन सुचारु तौर से चलाने के लिए 21 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलायी है। इससे पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक भी होगी, जिसमें कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन होने के कारण इस बार सर्वदलीय बैठक के बाद विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दिए जाने वाला भोज नहीं होगा।
मानसून सत्र के पहले दिन 23 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी के शोक में विशेष चर्चा संभव है। हालांकि यह फैसला 21 को कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में ही होगा। वहीं विपक्ष सरकार को कोई रियायत देने के मूड में नहीं है। नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी का कहना है कि सरकार हर मोर्चे पर लगातार फेल साबित हो रही है। प्रदेश में ऐसा अराजक और बदहवासी भरा माहौल कभी नहीं रहा। देवरिया जैसी घटना ने सरकारी संरक्षण में चलाए जा रहे देह व्यापार की कलई खोल दी। अन्य जनहित के मुद््दों पर सरकार को घेरा जाएगा।
लोकसभा चुनाव में भाजपा के विरोध में गठबंधन की तैयारी का अक्स सदन में भी दिखेगा। नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी के अनुसार 21 अगस्त को सभी विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक होगी और सरकार को घेरने की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने मानसून सत्र की अवधि कम रखने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार विपक्ष का सामना करने से कतरा रही है। कांग्रेस विधानमंडल दल नेता अजय कुमार लल्लू ने बताया कि फ्लाप हुई सरकार जनहित के मामलों पर मुंह छिपा रही है।