2015 की परमाणु डील रद्द होने के बाद अमेरिका ने जुलाई 2018 में ईरान पर व्यापारिक प्रतिबंध लगा दिए, जो नवंबर से लागू होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि इसके बाद दुनिया का कोई भी देश ईरान से तेल नहीं खरीदेगा।
नई दिल्ली। भारत ने अमेरिका के दबाव को दरकिनार करते हुए रिफाइनर्स को ईरान से तेल आयात करने की इजाजत दे दी। साथ ही, अमेरिकी प्रतिबंध को देखते हुए शिपिंग कॉर्प ऑफ इंडिया (एससीआई) समेत अन्य बड़े तेल आयातकों को नुकसान की भरपाई करने का वादा भी किया है। सूत्रों के मुताबिक, चीन की तरह भारत भी ईरान से तेल आवक बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
भारत और चीन के इस कदम से साफ हो गया है कि नवंबर तक यह इस्लामिक राष्ट्र वैश्विक तेल मार्केट से अलग नहीं रहेगा। इसके बाद ईरान के पेट्रोलियम सेक्टर पर अमेरिका का प्रतिबंध लागू हो जाएगा।
2015 की परमाणु डील रद्द होने के बाद अमेरिका ने जुलाई 2018 में ईरान पर व्यापारिक प्रतिबंध लगा दिए, जो नवंबर से लागू होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि इसके बाद दुनिया का कोई भी देश ईरान से तेल नहीं खरीदेगा। सरकार के वादे से दूर होगी कंपनियों की चिंता : एससीआई का कहना था कि हम पश्चिमी देशों के शिपर्स जैसी ही स्थिति में हैं। ह
मारे पास बचाव का कोई रास्ता नहीं है, इसलिए हम तेल के लिए ईरान का रुख नहीं कर सकते हैं। ऐसे में भारत ने नेशनल ईरानियन ट्रैंकर कंपनी (एनआईटीसी) का रुख किया और नुकसान की भरपाई करने का वादा करते हुए ईरान से तेल आयात सेवा दोबारा शुरू करने के लिए कहा।