बेंगलुरु। जब से कर्नाटक में कांग्रेस-जेडी(एस) सरकार सत्ता में आई है, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उसे गिराने के लिए कई डेडलाइन्स तय की हैं लेकिन उसका हर प्लान फेल हो जाता है। सूत्रों के मुताबिक अब पार्टी ने 17 जनवरी तक सरकार गिराने का प्लान बनाया है। हालांकि, फिलहाल विधानसभा में बीजेपी की स्थिति देखते हुए एक बार ऐसा होना मुश्किल नजर आ रहा है। अभी तक 224 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस-जेडी(एस) के कुल 116 और बीजेपी के 104 सदस्य हैं। दो निर्दलीय और एक बहुजन समाज पार्टी विधायक भी सत्ताधारी पक्ष के साथ हैं, जिससे गठबंधन का आंकड़ा 119 पहुंच जाता है। हालांकि, निर्दलीय विधायक आर. शंकर और बीएसपी विधायक एन. महेश को कैबिनेट से निकाले जाने के बाद गठबंधन से उनके संबंधों पर कुछ तनाव जरूर आ गया है।
अटकलों की मानें तो बीजेपी का प्लान है कि विधानसभा की कुल संख्या को ही घटाकर 207 तक ले आया जाए जिससे कि उसके 104 विधायक बहुमत में आ जाएं। इसके लिए पार्टी को करीब 16 सदस्यों के इस्तीफे चाहिए। अगर दोनों निर्दलीयओं और बीएसपी विधायकों की नाराजगी का फायदा बीजेपी को मिल भी जाता है, तो भी उसे कम से कम 16 विधायकों के इस्तीफे चाहिए होंगे। राजनीतिक जानकार और विश्लेषक महादेव प्रकाश का कहना है, ‘इतने सारे विधायकों से इस्तीफा दिलाना आसान नहीं है, वह भी चुनाव के सिर्फ 7 महीने बाद। दूसरी बात, अगर बीजेपी 20 विधायकों से इस्तीफे दिला भी देती है तो भी बीजेपी और कांग्रेस-जेडी(एस) गठबंधन के आंकड़ों में अंतर केवल 4 सीटों का रहेगा, तब तक जब 20 सीटों पर उपचुनाव नहीं हो जाता है।