नोएडा। प्राधिकरण के सहायक परियोजना अभियंता बृजपाल चौधरी के घर जिस दिन आयकर विभाग की स्पेशल टीम ने छापा मारा था, उसी वक्त यह अंदेशा हो गया था कि यह जांच दूर तलक जाएगी। अब आयकर विभाग कड़ी से कड़ी जोड़कर आगे बढऩा चाहता है। यानि जांच खाली बृजपाल तक ही सीमित नहीं रहेगी, इसके करीबी रिश्तेदारों के साथ-साथ जांच उसके राजनीतिक रसूखदारों तक पहुंच रही है। सूत्रों की मानें तो बृजपाल के करीबी यूपी के पूर्व कारागार मंत्री राजेन्द्र चौधरी से कारोबारी और साझेदारी रिश्तों को आयकर टीम खंगाल रही है। राजेन्द्र चौधरी सपा के विश्वस्त नेताओं में गिने जाते हैं। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था। तब राजेन्द्र चौधरी को सही गाइडेंस के लिए उनके साथ लगाया था। आज भी वे हर जगह अखिलेश की परछाई बनकर साथ रहते हैं। सूत्रों के मुताबिक बृजपाल और राजेन्द्र चौधरी के करीबी रिश्ते से सभी वाकिफ हैं। उनके आपस में कारोबारी रिश्ते थे या नहीं, यह तो अभी नहीं कहा जा सकता। अलबत्ता आयकर विभाग इस दिशा में जांच को आगे बढ़ा रहा है। बृजपाल के अलावा चौधरी के एक और करीबी जो सेक्टर-61 में रहते हैं पर भी आयकर विभाग की नजर है।
हालांकि अभी तक दो पत्नियों के अलावा बृजपाल के किसी से संबंध या फिर विदेशों में संपत्ति होने के सबूत नहीं मिले हैं। उनका बेटा बिजनेसमैन है। उसपर काफी संपत्ति बताई गई है।
उधर, प्राधिकरण ने बृजपाल चौधरी को निलंबित कर मुख्य अभियंता संदीप चंद्रा को विभागीय जांच सौंप दी है।
आयकर विभाग की इस कार्रवाई के बाद प्राधिकरण के इंजीनियरिंग विभाग में हड़कंप मच गया है।
आयकर विभाग
के रडार पर कई वर्तमान और सेवानिवृत्त प्राधिकरण अधिकारी भी