नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो गया है लेकिन इसके विरोध में पूर्वोत्तर में भारी विरोध चल रहा है। असम में छात्र संगठन सड़कों पर उतर गए हैं, तो वहीं कई फ्लाइट भी रद्द हो गई हैं। सिर्फ असम ही नहीं बल्कि अरुणाचल प्रदेश, मेघालय समेत अन्य राज्यों में भी विरोध तेज होता जा रहा है। आज शाम को मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे।
पूर्वोत्तर में नागरिकता बिल के खिलाफ प्रदर्शन के बीच कई फ्लाइट पर असर पड़ा है। गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ जाने वाली उड़ानों को रद्द कर दिया है। इंडिगो ने गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, जोरहाट की फ्लाइट रद्द कर दी हैं. डिब्रूगढ़ एयरपोर्ट पर अभी 5 जाने वाली और 7 आने वाली उड़ान रद्द हुई हैं। इंडिगो के अलावा स्पाइसजेट, विस्तारा की उड़ानें भी रद्द हुई हैं। नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ बढ़ते प्रदर्शन की वजह से असम, त्रिपुरा जाने वाली सभी पैसेंजर ट्रेन को रद्द कर दिया गया है. अभी दिल्ली और कोलकाता से जाने वाली ट्रेन गुवाहाटी तक ही जा रही हैं, उसके आगे की सुविधा बंद कर दी गई है।
विरोध में सुप्रीम कोर्ट में पहली याचिका दाखिल, सिब्बल लड़ेंगे केस
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहली याचिका दाखिल हो गई है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के चार सांसदों ने अपनी याचिका में कहा कि धर्म के आधार पर वर्गीकरण की संविधान इजाजत नहीं देता। ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है, इसलिए इस विधेयक को रद्द किया जाए। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने अपनी याचिका में कहा, ‘नागरिकता संशोधन बिल संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत ट्वीन टेस्ट पर खरा नहीं उतरता है। धर्म के आधार पर वर्गीकरण को संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. ये विधेयक संविधान में वर्णित सेक्युलरिज्म के मूल सिद्धांतों का हनन करता है।Ó मुस्लिम लीग के 4 सांसदों की तरफ से याचिका दाखिल हुई है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद सुप्रीम कोर्ट में मौजूद हैं। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि धर्म के आधार पर वर्गीकरण की संविधान इजाजत नहीं देता. ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। मुस्लिम लीग के सांसद पीके कुनहालकुट्टी ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि हमने कल बुधवार को संसद से पास नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ केस फाइल कर दिया है। यह हमारे संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
यह संविधान के मूल भावना के बिल्कुल खिलाफ है और किसी को भी धर्म के आधार पर इसको नष्ट करने नहीं दिया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि कैसे आप किसी अवैध घुसपैठ को मान्यता देते हुए नागरिकता प्रदान कर सकते हैं. हमने अपने वकील के तौर पर कपिल सिब्बल को नियुक्त किया है. मुस्लिम लीग के सांसद ने नागरिकता संशोधन बिल के पास होने को काला दिन करार दिया.