नोएडा। सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन परिवहन विभाग में भी भ्रष्टाचार चरम पर है। कुछ विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की मदद से ट्रैवल एजेंसियां सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का चूना लगा रही है। सेक्टर 37 से प्रतिदिन करीब डेढ़ सौ बसें गोरखपुर, फैजाबाद, बरेली, देहरादून, हरिद्वार, जयपुर, आगरा, लखनऊ, इलाहाबाद, बिहार के साथ-साथ कई अन्य इलाकों के लिए चलती हैं। इन बसों में केवल कुछ ही बस परमिट लेकर चलाई जा रही है। बताया जा रहा है कि बस मालिक एक बस के परमिट पर कई बसें चलाते हैं। सेक्टर 37 पर लाइन से खड़ी दर्जनों बसें एक के बाद एक अलग-अलग शहरों के लिए रवाना होती है। ज्यादातर बसें स्लीपर है। इसके अलावा कुछ ऐसी भी बसें हैं जो खुद को रोडवेज बसों की तरह दिखाकर सवारियों को आकर्षित करती है। जिसके चलते रोडवेज बस घाटे में चल रही है। कुछ समय पहले कुछ एक बसों पर परिवहन विभाग की ओर से कार्यवाही कर इतिश्री कर ली गई थी।
‘जय हिंद जनाब ने जब सेक्टर 37 में बसों के परमिट के बारे में जानने की कोशिश की तो ज्यादातर बस चालकों ने कह दिया कि उनके मालिकों को ही पता है कि परमिट है या नहीं। यदि कोई रोकता है तो उनके मालिक महज फोन पर ही बसों को मिनटों में छूड़वा लेते हैं। बस मालिकों ने पुलिस और परिवहन विभाग में सांठगांठ की हुई है। नाम ना छापने की शर्त पर एक बस चालक ने बताया कि ट्रैवल एजेंसी 2-3 बसों की परमिट लेकर दर्जनों बसें चलाती हैं और परिवहन विभाग की ओर से उन पर कोई कार्यवाई नहीं की जाती। क्योंकि परिवहन विभाग को महीना दिया जाता है। यह मामला हमारे संज्ञान में आया है। अभियान चलाकर करीब 200 बसों के खिलाफ कार्रवाई की जानी है। इससे पहले भी परिवहन विभाग कार्रवाई कर चुका है।