दुष्कर्म मामले में एक को फांसी, दूसरे को उम्रकैद
दुष्कर्म के दो मामले: जजों ने कहा- बदनसीब वो मांएं, जिन्होंने ऐसे जानवरों को जन्मा; नहीं सुधरे तो भगवान बेटी देने से घबराएगा
झुंझुनूं/चंड़ीगढ़। दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में शुक्रवार को निचली अदालतों ने दोषियों को सजा सुनाई। झुंझनूं में तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को जुर्म के 29वें दिन और चार्जशीट दाखिल होने के 19वें दिन फांसी की सजा सुनाई गई। वहीं, चंड़ीगढ़ में पिछले साल नवंबर में 21 साल की युवती से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले तीन दोषियों को ताउम्र जेल में रखने की सजा सुनाई गई। जजों ने दोनों ही मामलों में समाज को सख्त संदेश देने वाली टिप्पणियां कीं।
झुंझुनूं में 2 अगस्त को तीन साल की मासूम से विनोद बंजारा नाम के फेरीवाले ने दुष्कर्म किया था। इस मामले में जज नीरजा दाधीच ने दुष्कर्मी को फांसी की सजा सुनाते हुए लिखा- अगर अब भी ना सुधरे तो एक दिन ऐसा आएगा, जब इस देश को बेटी देने से भगवान भी घबराएगा। चंडीगढ़ के केस में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय की जज पूनम आर जोशी ने फैसले में लिखा- बदनसीब है वे मांएं, जिन्होंने ऐसे जानवरों को जन्म दिया।