दिल्ली सचिवालय में समीक्षा बैठक के दौरान सीएम रेखा गुप्ता ने लिया अहम निर्णय

new delhi news   मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को दिल्ली सचिवालय में अधिकारियों के साथ जन शिकायतों को लेकर एक अहम समीक्षा बैठक की। इस बैठक में राजधानी की शिकायत प्रणाली को और अधिक विकसित और मजबूत बनाने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि दिल्लीवासियों की शिकायतें तुरंत संबंधित विभाग तक पहुंचें और उनका जल्द से जल्द समाधान हो, इसके लिए एक प्रभावी तंत्र विकसित किया जा रहा है।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि राजधानी की जन शिकायत प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है। हर व्यक्ति को एक ऐसा नंबर याद होना चाहिए, जिस पर शिकायत दर्ज करते ही उसका समाधान हो। ऐसी प्रभावी प्रणाली के निर्माण पर सरकार तेजी से काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि जनता की एक आवाज पर उनके सारे काम होने चाहिए। इसके लिए सरकारी दफ्तरों में शिकायत बॉक्स लगाए जाएंगे, जहां लोग अपनी शिकायतें पत्र के माध्यम से दर्ज कर सकेंगे। विशेष बात यह होगी कि शिकायतकर्ता अपनी पहचान बताए या न बताए, यह पूरी तरह से उसकी मर्जी पर निर्भर करेगा। इन शिकायतों की सीधी मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की जाएगी, जिससे किसी भी प्रकार की लापरवाही की गुंजाइश न रहे।
पिछली सरकार पर साधा निशाना 
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछली सरकार की शिकायत प्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान जन शिकायत प्रणाली बिल्कुल भी प्रभावी नहीं थी। जनता की समस्याएं सरकार के कानों तक नहीं पहुंचती थीं, और जो शिकायतें सरकार तक पहुंचती भी थीं, उनका समाधान नहीं होता था।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार जनता की शिकायतों को लेकर बेहद गंभीर है और शिकायतों के निवारण के लिए एक ऐसी प्रणाली विकसित की जा रही है, जिससे जनता की आवाज तुरंत सरकार तक पहुंचे।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति 
मुख्यमंत्री गुप्ता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि उनकी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री की इस समीक्षा बैठक के बाद राजधानी में जन शिकायत प्रणाली को लेकर नई उम्मीद जगी है। अब देखना यह होगा कि यह नई व्यवस्था दिल्लीवासियों की समस्याओं को कितनी तेजी और प्रभावी तरीके से सुलझा पाती है।

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