ग्रेटर नोएडा।रेनो वेस्ट और क्रॉसिंग रिपब्लिक से घिरे गांव शाहबेरी में अवैध रूप से बनाई जा रही इमारत लोगों की जान पर भारी पड़ी है। देर रात यहां 6 मंजिला इमारत जिसमें करीब 15 से 20 फ्लैट बने हुए थे भरभराकर गिर गई। इस घटना में 3 लोगों के मरने की अब तक पुष्टि हो चुकी है। लेकिन इस इमारत में एक परिवार रहता था उसकी पुष्टिï हो चुकी है। जबकि कई अन्य परिवारों के रहने की भी आशंका जताई गई है फिलहाल उनका पता नहीं चल पा रहा है। मलवा अधिक होने के कारण एनडीआरएफ की कई टीमें यहां मलबा हटाने का काम कर रही हैं। नेहा नामक युवति यहां रोते हुए पहुंची और उसने बताया कि उसके साथ काम करने वाले शिव त्रिवेदी इसी बिल्डिंग में अपनी मां, भाभी और 4 वर्षीय बच्ची के साथ रह रहे थे। उनसे वह संपर्क कर रही है मगर संपर्क नहीं हो पा रहा है। पुलिस ने भी संपर्क करने की कोशिश की मगर आशंका है कि ये लोग मलबे में दबे हैं।
एनडीआरएफ के अधिकारी रोशन एसवाल ने बताया कि मलबा हटाने के लिए आधुनिक मशीनों के साथ-साथ एनडीआरएफ की टीमें रात से ही जुटी हुई है लेकिन अब तक किसी के चीखने की या कराहने की आवाज नहीं सुनी गई है। आशंका जताई जा रही है कि जितने भी लोग बिल्डिंग में मौजूद थे वह सभी इस 6 मंजिला इमारत के मलबे के नीचे दबकर दम तोड़ चुके हैं। फिलहाल कहा नहीं जा सकता कि यह मलवा हटने में कितना समय लगेगा। इस हादसे की सूचना पाकर रात भर मेरठ जोन के आईजी रामकुमार और एसएसपी डॉ अजय पाल यहां मौजूद रहे।
आज सुबह मेरठ रेंज के एडीजी प्रशांत कुमार पहुंचे। यहां घटना स्थल का मुआयना करने के बाद एडीजी प्रशांत कुमार ने ‘जय हिन्द जनाबÓ को बताया कि इस मामले में पुलिस दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर रही है। अब तक बिल्डर गंगा शंकर, डीलर दिनेश और संजीव समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने ही अपनी तरफ से रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिला प्रशासन से उनकी बातचीत हुई है जिसमें जिला प्रशासन ने अभियान चलाकर अवैध रूप से निर्माण कर रहे बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस जांच कर रही है कि इस इमारत का नक्शा कहां से पास कराया गया था और कहां से बिजली कनेक्शन लिया गया। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में लोगों की जान से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
मौके पर बुलाई गई कई एंबुलेंस
इमारत गिरने के बाद मलबे में दबे कई लोगों के होने की आशंका बरकरार है। उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ लोग हो सकता है कि जिंदा हो मगर वे बेहोश पड़े हों। यह भी संभव है कि कुछ लोग मलबे के नीचे दबने के बाद भी उनकी सांसे चल रही होंगी। इसलिए मलबे से निकलते ही उनका तुरंत इलाज किया जाए। इसलिए मौके पर कई एंबुलेंस तैनात की गई है।
मजिस्ट्रेटी जांच
के आदेश
जिलाधिकारी बीएन सिंह ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन कुमार विनित को 15 दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।