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नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून पर एक बार फिर से बसपा प्रमुख मायावती का बयान आया है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने नागरिकता कानून को असंवैधानिक करार देते हुए इसे वापस लिए जाने की सरकार से मांग की है।
मायावती ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से इस असंवैधानिक कानून को वापस लेने की मांग करती हूं, अन्यथा भविष्य में इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। सरकार को आपातकाल जैसे हालात पैदा नहीं करने चाहिए, जैसा कि कांग्रेस ने पहले किया था। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मायावती ने कहा कि बसपा की संसदीय पार्टी ने भी राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है। हमारी पार्टी ने नागरिकता कानून के खिलाफ और महिलाओं के प्रति अपराध के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी अपनी आवाज उठाई है। इससे पहले सोमवार को मायावती ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर अलीगढ़ और जामिया में हुए हिंसा पर दुख जताया था।
उन्होंने ट्वीट किया- नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ व फिर जामिया यूनिवर्सिटी में तथा पूरे जामिया क्षेत्र में भी जो काफी बेकसूर छात्र व आमलोग शिकार हुए हैं।

यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है तथा पार्टी पीड़ितों के साथ है।
उन्होंने आगे लिखा कि नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध देश भर में जारी आन्दोलन व खासकर अलीगढ़ व जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर हुई पुलिस बर्बता के सम्बंध में विरोध प्रकट करने व इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर बीएसपी का संसदीय दल कल अलगसे मा राष्ट्रपति से मिलेगा जिसके लिए समय की मांग की गई है।

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