जामिया हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, चीफ जस्टिस ने पूछा- बस कैसे जली?
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अब तक देश के कई यूनिवर्सिटीज के छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। अब इस विरोध-प्रदर्शन में कई राजनीतिक दल भी शामिल हो गए हैं। जामिया के छात्रों पर हुए पुलिस की बर्बरता के खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कल इंडिया गेट पर लगभग दो घंटे का सांकेतिक धरना दिया।
इस विरोध में धीरे-धीरे कई और राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल होते जा रहे हैं। कांग्रेस के बाद बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती भी कूद पड़ीं। उन्होंने सीधे-सीधे केंद्र सरकार को चेतावनी दे डाली कि यह कानून वापस ले। उधर तृणमूल कांग्रेस के मुखिया ममता बनर्जी कोलकाता में एक जुलूस निकालकर कानून के खिलाफ अपना विरोध जताया।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देशभर में छात्र सड़कों पर उतर गए हैं। विपक्षी पार्टियां भी इस कानून का विरोध कर रही हैं। कानून के विरोध में दिल्ली के जामिया नगर क्षेत्र में जो हिंसा हुई और पुलिस की कार्रवाई हुई, उसके विरोध में देश की कई यूनिवर्सिटी प्रदर्शन कर रही हैं। देश में कुल 22 बड़े कैंपस हैं, जहां पर विरोध प्रदर्शन जारी है। जामिया हिंसा को लेकर आज सर्वोच्च अदालत में सुनवाई शुरू हो गई है। इस मामले सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख इख्तियार कर लिया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि बस में आग कैसे लगी और किसने लगाई। सभी पहलुओं पर कोर्ट सुनवाई जारी है।
पुणे और असम में गिरफ्तारी
पुणे में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ सिग्नेचर कैंपेन निकालने वाले दो छात्रों को पुणे पुलिस ने नोटिस जारी किया है। छात्रों की ओर से आज शाम को ये कैंपेन चलाया जाना था।
नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी प्रदर्शन के मद्देनजऱ असम पुलिस ने 190 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल है, इन सभी पर हिंसा की साजिश करने का आरोप है। जबकि, पुलिस फायरिंग में चार लोगों की मौत भी हुई है।
जिला प्रशासन हुआ सतर्क
नोएडा। जिले में हालात न बिगड़े इसके लिए आज जिलाधिकारी बीएन सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने मुस्लिम समाज के रसूखदार लोगों की एक बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने जिले के हालात पर बातचीत की। बैठक में बताया गया कि जिला प्रशासन किसी भी तरह से भेदभाव नहीं करेगा। यदि कोई व्यक्ति कानून हाथ में लेगा तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। जिस तरह से प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं उस तरह से प्रदर्शन नहीं होने देंगे। इस बैठक में सेक्टर-8 जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती राशिद, जय हिंद जनाब के संपादक मोहम्मद आजाद, उमर खान के साथ-साथ दर्जनों लोग मौजूद थे।