जयपुर। राजस्थान में आज कांग्रेस सरकार का मंत्रिमंडल बन गया है। राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह की मौजूदगी में 23 विधायकों मंत्री पद की शपथ ली। इनमें से 17 यानी दो तिहाई से ज्यादा नए चेहरे हैं। जातिगत समीकरणों को देखते हुए 13 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री बनाए गए हैं।
वहीं, गठबंधन की राजनीति को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय लोक दल से जीते भरतपुर के विधायक सुभाष गर्ग को भी मंत्री बनाया गया है। बड़ी बात ये है कि कैबिनेट में 60 फीसदी अशोक गहलोत समर्थक हैं तो 40 फीसदी पायलट समर्थकों को जगह मिली है। यानी एक बार फिर गहलोत सचिन पायलट पर भारी पड़ गए हैं।
13 को मिला कैबिनेट मंत्री का ओहदा- बीडी कल्ला, शांति धारीवाल, परसादी लाल मीणा, मास्टर भंवरलाल मेघवाल, लालचंद कटारिया, डॉ रघु शर्मा, प्रमोद जैन भाया, विश्वेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश चंद्र मीणा, उदयलाल आंजना, प्रताप सिंह खाचरियावास, सालेह मोहम्मद।
10 को मिला राज्य मंत्री का ओहदा- गोविंद सिंह डोटासरा, श्रीमति ममता भूपेश, अर्जुन बामनिया, भंवरसिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदणा, टीकाराम जूली, भजनलाल जाटव, राजेंद्र यादव, सुभाष गर्ग।
बता दें कि मंत्रिमंडल में शामिल विधायकों में विश्वेंद्र सिंह डीग से विधायक हैं और तीन बार सांसद रह चुके हैं। पूर्वी राजस्थान के बड़े जाट नेता हैं और पहली बार मंत्री बन रहे हैं। वहीं, हरीश चौधरी बायतु से चुनाव जीते हैं और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं। पश्चिमी राजस्थान के बड़े जाट नेता हैं और एक बार बाड़मेर से सांसद भी रह चुके हैं।
वहीं, रमेश चंद्र मीणा पहली बार विधायक चुने गए हैं और पहली बार ही मंत्री बन रहे हैं। 2008 से में पहली बार बहुजन समाज पार्टी से जीते थे। कांग्रेस सरकार को समर्थन देकर संसदीय सचिव बने और लगातार तीसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं। जबकि रघु शर्मा ने अजमेर लोकसभा उपचुनाव जीतकर कांग्रेस का कद बढ़ाया था। उदय लाल आंजना निंबाहेड़ा से दूसरी बार विधायक हैं और ओबीसी के बड़े नेता हैं।
प्रताप सिंह खाचरियावास जयपुर के जिला अध्यक्ष हैं और 5 साल तक उन्होंने बीजेपी सरकार के खिलाफ संघर्ष किया है। दूसरी बार विधायक बने हैं। सालेह मोहम्मद से दूसरी बार चुनाव जीते हैं और सरकार में एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं। गोविंद सिंह डोटासरा विधानसभा में कांग्रेस की तरफ से मुख्य सचेतक रहे। लक्ष्मणगढ़ से तीसरी बार विधायक बने हैं। ममता भूपेश मंत्रिमंडल में एकमात्र महिला चेहरा हैं और दूसरी बार विधायक बनी हैं। इससे पहले कांग्रेस सरकार में संसदीय सचिव रह चुकी हैं।
अर्जुन बामणिया बांसवाड़ा से तीसरी बार चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं और कांग्रेस में प्रदेश सचिव रह चुके हैं। भंवरसिंह भाटी कोलायत से दूसरी बार लगातार जीते। इन्होंने बीजेपी के बड़े दिग्गज नेता देवी सिंह भाटी को पहली बार हराया था और दूसरी बार उनकी बहू को हराया है।
सुखराम बिश्नोई सांचौर सीट से लगातार दूसरा चुनाव जीते हैं। युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चांदणा मंत्री बन रहे हैं जो लगातार दूसरी बार चुनाव जीते हैं। टीकाराम जूली अलवर ग्रामीण से दूसरी बार विधायक हैं और कांग्रेस में जितेंद्र सिंह के करीबी हैं।