क्रिकेट के नन्हें बालकों को जालसाजी का चैंपियन बनाने की तैयारी क्यों कर रही है आईसीसी!
नई दिल्ली। यकीनन मैच फिक्सिंग ने क्रिकेट को बहुत दागदार किया है. सन 2000 में खेल में भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद से क्रिकेट पर उसके चाहने वालों का विश्वास लगातार डगमगा रहा है. हालात यह ही है कि ऑटो ड्राइवर से लेकर अनपढ़ कार मैकेनिक भी दावा कर रहे हैं कि फलां मैच फिक्स था.
छोटी टीमों पर भी फिक्सिंग का असर
असल में इस खेल को चलाने वाली इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ही इस सब के लिए जिम्मेदार है. मीडिया के लिए इस लोकप्रिय खेल में जालसाजी शायद कोई मुद्दा नहीं है. शायद इसलिए 8 अक्टूबर को आईसीसी ने घोषित किया कि हॉन्गकॉन्ग के तीन क्रिकेटरों इरफान अहमद,नदीम अहमद और हसीब अमजद मैच फिक्स के दोषी पाए गए हैं तो यह खबर किसी कोने में छपी. लेकिन आईसीसी का ताजा खुलासा इस खेल में भ्रष्टाचार की जड़ों के ओर गहरे होने की पुष्टि करता है। जरा सोचिए कि बुकियों ने हॉन्गकॉन्ग जैसी टीम के खिलाडिय़ों को ही खरीद लिया. यह एक ऐसी टीम है जिसे उसके खुद के मुल्क के लोग भी शायद ही गंभीरता से लेंगे. साफ दिख रहा है कि भ्रष्टाचारियों ने अपना धंधा बड़ी टीमों के अलावा क्रिकेट में नवजात छोटे-छोटे देशों में भी फैला लिया है. आईसीसी की इससे पहले मैच फिक्सिंग की कई जांचों में सामने आया है बुकी किस तरह युवा क्रिकेटरों के अलावा एसोसिएट देशों की टीमों के सदस्यों को भी अपने काले धंधे के दायरे में लाने में लगे हैं. हॉन्गकॉन्ग के क्रिकेटरों के पकड़े जाने के बाद यह बात पहले से भी कहीं मजबूती से साबित होती है. यह सही है कि भारत, पाकिस्तान या ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीमों के क्रिकेटरों को फांसने के लिए बुकियों को काफी कवायद करनी पड़ रही है. मेहनत और पैसा ज्यादा लगने के कारण बुकियों ने बड़ी टीमों के अलावा छोटी टीमों पर भी फोकस कर लिया है।
भ्रष्टाचार फैलाएगा आईसीसी का फैसला
आईसीसी की कई जांच साबित करती है कि उन क्रिकेटरों को भ्रष्ट किया जा रहा है जिनकी टीमों को अभी टेस्ट या अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच खेलने का रुतबा नसीब नहीं हुआ है. लेकिन इसके बावजूद आईसीसी के बोर्ड ने इस साल एक विवादित फैसला लिया है जो कि भ्रष्टाचार को और ताकत देगा. क्या आपको पता है कि अर्जेंटीना, फीजी,बेल्जियम, बाहमास, बर्मुडा, चीली, चीन, अमेरीका,फ्रांस और जर्मनी कई देशों को बतौर मैंबर आईसीसी की मान्यता है. इसी साल अप्रैल में आईसीसी से फैसला किया है कि ये देश जो भी आधिकारिक टी-20 मैच खेलेगें, उसे अंतरराष्ट्रीय मैच का रुतबा दिया जाएगा. इससे पहले सिर्फ 18 टीमों के मुकाबलों को इंटरनेशनल माना जाता था. अब आईसीसी के 104 सदस्य देशों की टीमों के टी-20 मैचों को अंतरराष्ट्रीय माना जाएगा .यानि कि इसमें 86 टीमों का इजाफा हुआ है.