नोएडा। कानपुर में गरीब लोगों की किडनी एवं लीवर निकालकर मोटी रकम कमाने वाला गिरोह पकड़ा जा चुका है। अब इस गिरोह से पुलिस उन डॉक्टरों के नाम उगलवाने की कोशिश कर रही है जो इस गोरखधंधे में अहम भूमिका निभाते हैं।
किडनी रैकेट की पड़ताल में नोएडा के कई अस्पताल जांच के घेरे में आ चुके हैं। हालांकि पुलिस नाम इसलिए उजागर नहीं कर रही है ताकि इन अस्पतालों की बदनामी न हो। यदि जांच में अस्पतालों की भूमिका पाई गई तो उनके नाम भी उजागर किए जाएंगे और इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा में करीब 4 अस्पताल हैं जो किडनी निकालने वाले रैकेट से सांठगांठ कर अमीर लोगों को 40 से 50 लाख रुपए में किडनी ट्रांसप्लांट के साथ-साथ लीवर ट्रांसप्लांट भी कर देते हैं। ऐसे में गरीब व्यक्ति को पूरी तरह नजरअंदाज किया जाता है और उसके अधिकारों का हनन किया जाता है। किडनी रैकेट से नोएडा का पुराना नाता है। एक अस्पताल में किडनी निकाल कर बेचने का मामला सबसे पहले नोएडा में ही खुला था। इसके बाद इस अस्पताल की इतनी बदनामी हुई की यह बंद होने की कगार पर पहुंच गया।
इस बार सेक्टर-62 में एक प्रतिष्ठित अस्पताल के साथ-साथ कई अन्य अस्पतालों के नाम सामने आ रहे हैं। एक अस्पताल एक्सप्रेसवे पर है, दूसरा सेक्टर-26 में है तीसरा सेक्टर 19 में है तथा दो अस्पताल अलग-अलग स्थानों पर हैं। कानपुर के एसएसपी अनंत देव ने बताया कि इस गिरोह से 27 से पूछताछ चल रही है। हो सकता है कि जल्द ही कई और खुलासे किए जाएं।