नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के डेलिगेशन आज करतारपुर कॉरिडोर बनाने के तौर-तरीकों पर बातचीत के लिए मिल रहे हैं। यह बैठक वाघा-अटारी बॉर्डर पर होगी, जहां भारतीय प्रतिनिधियों का दल पहुंच चुका है। यह कॉरिडोर पाकिस्तानी शहर करतारपुर में स्थिति गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर शहर से जोड़ेगा। बताया जा रहा है कि इस दौरान भारतीय दल पाकिस्तान के सामने खालिस्तानी अलगाववादियों के दुष्प्रचार के मुद्दे को भी उठाएगा।
इस बातचीत में भारत पाकिस्तान जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों की बाधा रहित यात्रा की बात रख सकता है। साथ में, इस्लामाबाद से यह भी कह सकता है कि वह तीर्थयात्रियों को खालिस्तानी अलगाववादियों के प्रोपेगेंडा से बचाए। पिछले साल पाकिस्तान में गुरुद्वारों की ओर जाते हुए भारतीय तीर्थयात्रियों को खालिस्तान समर्थक बैनर दिखाए जाने की रिपोर्टें हैं। सूत्रों का कहना है कि भारत के डेलिगेशन में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, बीएसएफ, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण और पंजाब सरकार के प्रतिनिधि होंगे। बैठक को कवर करने के लिए आना चाह रहे पाकिस्तानी पत्रकारों को वीज़ा देने से इनकार करने पर सूत्रों ने कहा कि यह कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं है जिसे प्रचार की जरूरत हो।
गौरतलब है कि भारत द्वारा पाकिस्तान में घुस कर जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों पर हवाई हमले करने और उसके बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के बाद दोनों मुल्कों के मध्य बढ़े तनाव के बीच यह बैठक हो रही है। सूत्रों ने संकेत दिया कि भारत पाकिस्तान से अपील कर सकता है कि वह भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारे तक बिना पासपोर्ट और वीज़ा के जाने की इजाज़त दे। पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोडऩे के लिए गलियारा बनाने को सहमत हुए थे।