आप के बागी कपिल मिश्रा को लेकर भी कई तरह की खबरें मिल रही हैं। राजनीतिक गलियारे में कपिल मिश्रा के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें जोर पकडऩे लगी है. ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कपिल मिश्रा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.अरविंद केजरीवाल के एलजी हाउस में धरना देने के बाद कपिल मिश्रा ने ही सीएम ऑफिस में धरना देने का फॉर्मूला दे कर बीजेपी को फजीहत से बचा लिया था. ऐसी भी खबर है कि कपिल मिश्रा के इस आइडिया को बीजेपी आलाकमान ने भी खूब सराहा है. कुल मिलाकर अरविंद केजरीवाल का यह धरना और अनशन दिल्ली के कई राजनीतिक पार्टियों और उनके नेताओं को नफा और नुकसान देने वाला साबित होने वाला है. पिछले 9 दिनों से चले आ रहे इस राजनीतिक ड्रामे के कई पात्र ऐसे थे जो पर्दे के सामने थे तो कई ऐसे थे जो पर्दे के पीछे. कई राजनेता इस नौटंकी के खत्म होने का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. इस ड्रामे में कई किरदार सामने आए. कोई पर्दे पर नजर आया, किसीने पर्दे के पीछे अहम रोल अदा किया। इन सब के बीच अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी के ही एक किरदार का रोल काफी याद किया जा रहा है, जिसने अरविंद केजरीवाल को उसी के अंदाज में जवाब दिया. आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा, बीजेपी के प्रवेश वर्मा और अकली दल के मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी मंगलवार को 8 दिनों से चला आ रहा अपना धरना और अनशन खत्म कर दिया. कपिल मिश्रा पिछले 9 दिनों से ट्वीटर पर लगातार छाए रहे. शायद कपिल मिश्रा की वजह से ही बीजेपी को नफा नहीं तो नुकसान भी नहीं हुआ।
ऐसे में बीजेपी को अरविंद केजरीवाल के इस पुराने चेले का अपने पाले में आने का इंतजार है. कपिल मिश्रा दिल्ली की राजनीति में बीजेपी के लिए अरविंद केजरीवाल के सामने एक मजबूत अस्त्र साबित हो सकते हैं. 9 दिनों से चला आ रहा धरना भले ही खत्म हो गया हो पर अगले कुछ दिनों में दिल्ली की तीन बड़ी राजनीतिक पार्टियों के अंदर जबरदस्त तरीके से बदलाव के आसार नजर आ रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी उनमें से एक है. इस राजनीतिक ड्रामे में किसको फायदा हुआ किसको नुकसान इसको लेकर भी गुना-भाग शुरू हो गए हैं. वैसे तो दिल्ली के दंगल में कई महारथी थे, लेकिन मुकाबला आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच ही हुआ. कांग्रेस पार्टी सीन से पूरी तरह से गायब नजर आई.