नई दिल्ली। यौन शोषण के आरोपों में फंसे एम.जे.अकबर ने बुधवार को विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन पर 20 महिला पत्रकारों ने छेडख़ानी करने का आरोप लगाया है। सूत्रों के हवाले से टेलीविजन रिपोर्ट्स में बताया गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद अकबर ने अपना पद छोड़ा है।
अकबर ने जारी किए त्यागपत्र में कहा, मैंने यौन शोषण के मामले में कानूनी मदद लेने का फैसला लिया है, इसलिए मैं मानता हूं कि मुझे अपने पद को छोड़कर इन झूठे आरोपों को चुनौती देनी चाहिए। ऐसे में मैंने विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। अकबर के बयान में आगे कहा गया, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, जो उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का यह मौका दिया।
अकबर पर ये आरोप उनकी पूर्व सहकर्मियों ने लगाए हैं। आरोपों के अनुसार, उनके द्वारा छेडख़ानी की ज्यादातर घटनाएं तब की हैं, जब वह एशियन एज अखबार में संपादक हुआ करते थे। हालांकि, विदेश दौरे से लौटने पर उन्होंने खुद पर लगे संगीन आरोपों पर सफाई दी थी। कहा था, ये सभी आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत हैं। मैं आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा।
पत्रकार प्रिया रमानी ने सबसे पहले उनके खिलाफ आवाज उठाई थी और उन पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। अकबर ने इस बारे में प्रिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। आठ अक्टूबर को रमणी ने ट्वीट कर अकबर पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद 10 अन्य महिलाओं ने भी अकबर के खिलाफ यौन शोषण करने को लेकर मोर्चा खोल दिया था।