बुलंदशहर। जमीन अधिग्रहण कर उद्योगों को स्थापित करने के लिए यूपी सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। अधिग्रहण के दौरान किसानों को राजी रखा जाए इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस क्रम में बुलन्दशहर कलेक्ट्रट सभागार में चोला क्षेत्र के भूअधिग्रहण के मुद्दे पर अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक की। इस बैठक में शासन, प्रशासन और यूपीएसआईडीसी आला अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में उद्योग सचिव संतोष कुमार यादव ने जिला प्रशासन और यूपीएसआईडीसी से तथ्यात्मक जानकारी लेने के बाद किसानों का पक्ष जाना। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही सरकार काम कर रही है। किसी भी सूरत में किसानों के पक्ष की अनदेखी नहीं की जाएगी।
बैठक में किसान नेता अजित सिंह दौला बताया कि 1998-99 को नोटिफिकेशन हुआ और तभी से किसान अपनी जमीन को बचाने और उचित मुआवजे की मांग पर अहिंसात्मक रूप से आंदोलनरत। किसानों के साथ 2007 व 2011 में करार नियमावली के तहत समझौते हुए मगर कभी सरकार तो किसान सहमत नही हुए।
किसानों के नाम उनकी भूमि से नाम काटकर प्रशासन ने अन्याय किया जबकि अभी भी 10 गाँवो में से केवल 04 गाँवो का ही अवार्ड हुआ है और वो भी नियत समय के बाद (टाइम बार) ये गैर कानूनी कार्यवाही हुई और जिन 06 गाँवो के आज भी अवार्ड नही हुए वहाँ तो भुरिकार्ड से किसानों के नाम काटे ही नही जा सकते थे फिर किसानों को बेदखल क्यो किया गया। श्री दौला ने कहा कि अब भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू है जिसके अनुसार वर्तमान सर्किल रेट का चार गुना मुआवजे सहित अन्य लाभ दिए जाए और अगर भूमि की जरूरत नही है तो किसानों को उनकी भूमि वापिस लौटायी जाए।
किसानों की मांग है कि प्रदेश सरकार संसद के बनाये कानून का पालन कर किसानों पर अन्याय बन्द करें। किसानों की तरह से मलखान यादव, कन्हैयालाल, चौ निरंजन सिंह, रणपाल सिह,केशाराम सिह,उदल सिंह, भंवर सिंह, सुरेश कुमार आदि मौजूद रहे।जमीनी हालातों से अवगत होने के बाद सचिव,उद्योग ने कहा कि मैं सारी जानकारियों को लेकर प्रमुख सचिव, उद्योग/एम डी, यूपीएसआईडीसी व सरकार के सामने रखूंगा और जल्दी ही दूसरी बैठक प्रमुख सचिव, उद्योग व सम्बन्धित अधिकारियों के साथ कराकर समस्या को हल कराने की बात कही।