लेकिन इस विवाद का केंद्र बिंदु बनी हैं मेघालय की पॉपुलर इंस्टाग्राम इंफ्लूएंसर स्वीट जन्नत (Sweet Zannat), जिन्हें गलत तरीके से इस वीडियो से जोड़ दिया गया। जन्नत ने खुद एक वीडियो जारी कर इसे पूरी तरह फर्जी करार दिया है, और कहा है कि वीडियो में दिख रही लड़की उनसे ‘बिल्कुल मेल नहीं खाती’। यह मामला न केवल व्यक्तिगत मानहानि का उदाहरण है, बल्कि एआई-जनरेटेड डीपफेक कंटेंट के बढ़ते खतरों को भी उजागर करता है।
वायरल वीडियो का सफर
यह 19 मिनट 34 सेकंड लंबा वीडियो सबसे पहले टेलीग्राम चैनलों पर ‘हॉट कंटेंट’ के रूप में शेयर किया गया। जल्द ही यह इंस्टाग्राम रील्स और एक्स पोस्ट्स पर पहुंच गया, जहां यूजर्स ने बिना वेरिफिकेशन के इसे ‘रीयल’ मान लिया। कुछ लोगों ने दावा किया कि यह वीडियो असली है और इसमें मेघालय की इंफ्लूएंसर जन्नत नजर आ रही हैं, जिसके चलते उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर ट्रोलिंग और अपमानजनक कमेंट्स की बाढ़ आ गई। हालांकि, बड़ी संख्या में नेटिजन्स ने इसे एआई डीपफेक बताया, क्योंकि वीडियो में चेहरे की बनावट और बॉडी लैंग्वेज में असंगतियां नजर आ रही हैं। एक्स पर एक यूजर ने लिखा, “यह वीडियो AI से बनी लगती है, लोग बिना सोचे शेयर कर रहे हैं।”
एक उभरती हुई क्रिएटर की कहानी
मेघालय के शिलॉंग से ताल्लुक रखने वाली 20 वर्षीय स्वीट जन्नत सोशल मीडिया पर अपनी लाइफस्टाइल, फैशन और लोकल कल्चर से जुड़े कंटेंट के लिए जानी जाती हैं। उनके इंस्टाग्राम पर लाखों फॉलोअर्स हैं, और वे लोकल ब्रांड्स के साथ प्रमोशन करती हैं। लेकिन इस वायरल वीडियो ने उनकी जिंदगी को उलट-पुलट कर दिया। जन्नत ने एक इमोशनल वीडियो में कहा, “किसी और की गलती को मेरे सिर पर क्यों डाल रहे हो? पहले तो चेहरा देखो, क्या यह मुझसे मैच करता है?” उन्होंने ह्यूमरस अंदाज में जोड़ा, “यह लड़की मुझसे बिल्कुल अलग है, कमेंट बॉक्स में बताओ अगर मैच लगे तो!” एक अन्य वीडियो में वे रोते हुए दिखीं, जहां उन्होंने ट्रोल्स को चेतावनी दी कि ऐसी अफवाहें फैलाना कानूनी अपराध है।
जन्नत की शिक्षा और बैकग्राउंड पर भी सवाल उठे, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक वे ग्रेजुएट हैं और सोशल मीडिया को अपना करियर बना रही हैं। उनकी नेट वर्थ अनुमानित रूप से लाखों में है, जो ब्रांड डील्स से आती है।
सोशल मीडिया पर रिएक्शन
विवाद के बाद एक्स और इंस्टाग्राम पर #SweetZannat और #19MinuteMMS ट्रेंड करने लगे। कई यूजर्स ने जन्नत से माफी मांगी, जबकि कुछ ने डीपफेक टेक्नोलॉजी पर बहस छेड़ दी। एक पोस्ट में लिखा गया, “यह केस दिखाता है कि फेक वीडियो कैसे जिंदगियां बर्बाद कर सकते हैं।” दूसरी ओर, कुछ यूजर्स ने इसे ‘क्लिकबेट’ बताया और वीडियो शेयर करने वालों को ट्रोल किया। पंजाब केसरी और इंडिया.कॉम जैसी वेबसाइट्स ने फैक्ट-चेक रिपोर्ट्स जारी कीं, जिनमें साफ कहा गया कि जन्नत का इससे कोई लेना-देना नहीं।
यह घटना भारत में डीपफेक के दुरुपयोग को रेखांकित करती है। हाल ही में रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए थे, लेकिन अभी भी कानूनी ढांचा कमजोर है। लॉ इनसाइडर के अनुसार, प्राइवेट कंटेंट शेयर करना आईपीसी की धारा 354C (वॉयरिज्म) के तहत अपराध है, और डीपफेक फैलाने वालों पर साइबर लॉ के तहत कार्रवाई हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को वेरिफिकेशन टूल्स मजबूत करने होंगे, ताकि फेक कंटेंट की पहचान जल्दी हो सके।
निष्कर्ष
स्वीट जन्नत का यह केस एक सबक है कि ऑनलाइन अफवाहें कितनी तेजी से फैल सकती हैं और व्यक्तिगत जिंदगियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। जन्नत ने अपने फॉलोअर्स से अपील की है कि बिना जांचे कुछ शेयर न करें। जैसे-जैसे यह वीडियो वायरल होता जा रहा है, उम्मीद है कि जागरूकता बढ़ेगी और डीपफेक के खिलाफ सख्त कानून बनेगा। फिलहाल, जन्नत ने कहा है कि वे अपनी क्रिएटिविटी पर फोकस करेंगी और ट्रोल्स को इग्नोर करेंगी।

