आपका डाटा खतरे में, खातों में लग सकती है सेंध
टीएम के डाटा में सेंधमारी : बीस करोड़ की रंगदारी
नोएडा। कैश लेस पेमेंट का मतलब अब पेटीएम हो गया है लेकिन पेटीएम को हर एक जानकारी देना और ऑनलाइन खातों से रुपए ट्रांसजेक्शन करना कितना सुरक्षित है ये सवाल जनमानस के मन में उमड़ रहा है। पेटीएम के संस्थापक एवं सीईओ विजय शेखर शर्मा से धोखाधड़ी और रंगदारी मांगने का मामला थाना सेक्टर-20 में दर्ज कराया गया है। ये मामला विजय शेखर के भाई अजय शेखर ने दर्ज कराया है।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने इतनी सर्तकता से काम किया कि मानो पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी हो। रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने सोनिया धवन उसके पति रूपक जैन और कंपनी के कर्मचारी देवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। रूपक पेशे से प्रॉपर्टी डीलर है।
आरोपियों ने डाटा चुराने के बाद पैसा वसूली के लिए कोलकाता के रोहित चोमल को शामिल किया। चोमल ही शेखर को कॉल कर रहा था। विजय ने बताया कि 20 सितंबर को रोहित ने पहली कॉल की और 20 करोड़ रुपये मांगे। उन्हें शक हो गया कि कंपनी के ही किसी व्यक्ति ने डाटा चोरी कर आरोपी को दिया है। उन्होंने रोहित के एकाउंट में 2 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए और उसके बाद इस शर्त पर और पैसे देने का वादा किया कि वह पहले उन लोगों के नाम बताए, जिन्होंने उसे डाटा दिया है। ब्लेकमेल करने वाले ने सोनिया और देवेंद्र का नाम बता दिया। इसके बाद वह लगातार 10 लाख रुपये के लिए रोहित को कॉल करता रहा।
कंपनी ने सोनिया और देवेंद्र पर जांच बैठा दी। जांच में पता चला कि इन दोनों ने ही डाटा चोरी करने के बाद रोहित को दिया है। दोनों आरोपियों को कंपनी से बाहर कर दिया गया। अजय शेखर तहरीर पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ चोरी, वसूली, आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं(381,384,386,420,408,120बी व 66 आईटी एक्ट) में केस दर्ज किया है। सोनिया सेक्टर-120 में और देवेंद्र शाहदरा में रहता है। दोनों 10 साल से पेटीएम में नौकरी कर रहे थे। रोहित को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम कोलकाता रवाना हो गई है। इस पूरे मामले में कार्रवाई जारी है लेकिन हम और आप पेटीएम से जो लेनदेन कर रहे है। उस पर सवाल खड़े हो रहे है। उल्लेखनीय है कि विमुद्रीकरण के बाद पेटीएम ने लोगों को कैशलेस सुविधा मुहैया कराई और अलग-अलग स्कीम निकालकर करोड़ो उपभोक्ताओं को अपने एप से जोड़ लिया।
किसी को पेटीएम के माध्यम से पैसा देना और लेना आमजन को आसान लगा। बैंक के झंझट से दूर रहे। झट से कहीं भी भुगतान किया। इस सबके बदले उन्होंने अपनी पूरी जानकारी पेटीएम को दी। अब ये जानकारी लीक होने लगी है। यही कारण है कि पेटीएम के सीईओ के भाई अजय शेखर को रिपोर्ट दर्ज करानी पड़ी। हो सकता है कि उपभोक्ताओं पर अब पेटीएम का भरोसा न रहे। जय हिन्द जनाब ने डाटा की सुरक्षा के संबंध में पेटीएम के अजय शेखर से संपर्क किया तो उन्होंने खुद को व्यस्त बताते हुए इस सवाल से पल्ला झाड़ लिया। इससे पता चलता है कि कंपनी की क्या
मंशा है।