नई दिल्ली। लंदन में 2020 के महापौर चुनाव के लिए ब्रिटेन में सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार 13 साल पहले हिंदुओं और मुसलमानों के बारे में अपने विचार के कारण बुधवार को आलोचनाओं से घिर गए। लंदन के महापौर सादिक खान के खिलाफ कंजर्वेटिव उम्मीदवार शॉन बैले ने 2005 में सेंटर फॉर पालिसी स्टडी के लिए एक पैम्फ्लेट तैयार किया था जिसमें उन्होंने ब्रिटेन के सांस्कृतिक परिदृश्य में हिंदु और मुस्लिम प्रभाव पर हमला बोला था। नो मैन्स लैंड नामक इस पैम्फ्लेट में उन्होंने लिखा था , आप अपने बच्चों को लेकर स्कूल आयें और वे क्रिसमस के बजाए दिवाली के बारे में बहुत कुछ सीखेंगे । आपको बता दें कि यह वही सादिक खान हैं जिन्होंने सितंबर में बयान जारी करते हुए
ब्रेक्सिट पर दोबारा मतदान कराने की अपील की थी।
सादिक खान लंदन के पहले मुस्लिम मेयर ही नहीं बल्कि यूरोपियन यूनियन की किसी भी राजधानी के पहले मुस्लिम मेयर हैं। उन्होंने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी कंजर्वेटिव उम्मीदवार जैक गोल्डस्मिथ को हराया। उन्होने बतौर मानव अधिकार वकील अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद वे सांसद बने।
सादिक लंदन में 11 साल तक सांसद भी रहे हैं। 2009-10 में वे गॉर्डन ब्राउन गवर्नमेंट में वे परिवहन मंत्री भी रह चुके हैं। सादिक खान ब्रिटेन के ऐसे पहले मुस्लिम मंत्री हैं, जो कैबिनेट की बैठकों में शामिल हुए हैं। वे पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं। हालांकि सादिक खान का परिवार मूल रूप से लखनऊ से है। बंटवारे के समय उनके दादा भारत से पाकिस्तान चले गए थे और बाद में उनके पिता ब्रिटेन चले गए। इसके बाद सादिक वहीं पले पड़े और अब एक राजनीतिक में अहम पद संभाल रहे हैं।