नोएडा। एसएसपी गौतमबुद्ध नगर वैभव कृष्ण की ईमानदार छवि पर किसी को शक नहीं है। इसीलिए सामाजिक संगठनों के साथ-साथ अब कुछ लोग सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में आने लगे हैं। दो संस्थाओं ने सोशल मीडिया पर अपने पत्र उनके समर्थन में वायरल किए हैं और उनके खिलाफ साजिश बताई है। इन संस्थाओं का कहना है कि एसएसपी निष्पक्ष रुप से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। इसीलिए उनको फंसा कर कुछ लोग अपने अनैतिक कार्य को करना चाहते हैं। फिलहाल उनके समर्थन में दर्जनों लोग हैं। जो सोशल मीडिया पर कह रहे हैं कि उनका फर्जी वीडियो वायरल किया गया है। यहां हर एक व्यक्ति का नाम लिखा जाना संभव नहीं है।
हैरान हूं अफसरों पर इतना टाइम कहां से आया : विक्रम सिंह
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने आईपीएस अफसरों के बीच चल रहे कोल्ड वॉर को लेकर कहा कि यदि अधिकारियों को यह सब करन का इतना समय मिल रहा है। तो मान लीजिए जनता की सुरक्षा व्यवस्था से समझौता किया जा रहा है। पुलिस अफसरों को दिमाग लगाना चाहिए कि डकैती, चोरी, हत्या आदि वारदातें कैसे रोकी जाए। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग की गोपनीय रिपोर्ट लीक हुई और मुझे भी खबर लगी। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यदि मैं डीजीपी रहता तो एक कड़ा कदम उठाकर संदेश देता। उन्होंने कहा कि अधिकारी को आधा नरम और आधा गरम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से पूछना चाहिए कि ऐसी हरकतें करने के लिए उनके पास इतना समय कहां से आ रहा है। सरकार को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
मेरठ के पत्रकारों ने एडीजी से मांगा न्याय
मेरठ। एसएसपी गौतमबुद्ध नगर वैभव कृष्ण के खिलाफ मेरठ के पत्रकारों ने मोर्चा खोल दिया है। एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते दिन अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन से मुलाकात कर पुलिस की ज्यादतियों के बारे में अवगत कराया।
अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार को समस्त पत्रकारों की ओर से पत्र सौंपा गया है। जिसमें लिखा है कि नोएडा पुलिस ने जबरन अवैध रूप से टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार पियूष राय को गिरफ्तार करने की कोशिश की। पत्र में लिखा है कि वैभव कृष्ण के सेक्स वीडियो चैट से जुड़ा हुआ मामला है। जिसे वैभव कृष्ण ने फर्जी बताया और खुद उस पर पर्दा डालने के लिए सेक्टर 20 में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करा दिया।
इस मामले की जांच आईजी मेरठ ने एसपी हापुड़ को दे दी थी। इस सबके बावजूद नोएडा पुलिस ने मेरठ एसएसपी कार्यालय परिसर में आकर पियूष राय को जबरन अपनी गाड़ी में डालने की कोशिश की। इस मामले को लेकर पीयूष ने घटना वाले दिन ही मेरठ के आईजी को लिखित शिकायत दी थी एवं प्रदेश के डीजीपी को ईमेल से सूचित किया गया था।
अब तक संबंधित पुलिस जनों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया है और न ही इस अनैतिक कार्य के लिए उनके खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है। इस मामले में एसएसपी गौतमबुद्ध नगर निर्दोष पियूष राय को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। पत्र में लिखा है कि वैभव कृष्ण को अगर अपने खिलाफ कोई साजिश का पता लगाना है तो जिस महिला से उनकी वीडियो चैटिंग है उसका नाम पुलिस अफसरों के सामने उजागर करें। वह आसानी से बता सकेगी कि वह किस साजिश का हिस्सा है।