सात राज्यों के किसान हड़ताल पर > रोकी दूध की सप्लाई, सड़कों पर फेंकी सब्जियां

नई दिल्ली। देश के सात राज्यों के किसान हड़ताल पर चले गए हैं। पंजाब और मध्य प्रदेश समेत देश के 7 राज्यों में आज से किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। दरअसल, किसान यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ 10 दिवसीय किसान आंदोलन का आह्वïान किया है। साथ ही मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों ने सब्जियों और दूध को बाहर शहर न भेजने का ऐलान किया है। किसानों का ये आंदोलन सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान के वादे को जल्द से जल्द पूरा करने को लेकर है।
आंदोलनरत किसानों ने पुणे के खेडशिवापुर टोल प्लाजा पर 40 हजार लीटर दूध बहाया है। हालांकि, पंजाब में किसानों का एक हिस्सा इस विरोध में शामिल नहीं हुआ है। साथ ही कुछ किसानों ने आंदोलन के विपरित चंडीगढ़ के कुछ इलाकों में दूध सप्लाई किया।
आगरा में अपने वाहनों की फ्री आवाजाही कराने के लिए किसानों ने टोल पर कब्जा कर लिया और जमकर की तोडफ़ोड़ की। किसान सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान के वादे को पूरा करने को लेकर मांग कर रहे हैं। मंदसौर में पूरे शहर में पुलिस की तैनाती कर दी गई है ताकि, किसान आंदोलन के दौरान शांति कायम रह सके।
बर्नाला और संगरूर समेत पंजाब में कई जगह किसानों ने विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। पंजाब के किसानों ने भी 10 दिनों तक सब्जियों और डेयरी प्रोडक्ट्स को बाहर सप्लाई करने से इनकार कर दिया है।
पंजाब के फरीदकोट में किसानों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। यहां किसान सड़कों पर सब्जियां फेंक कर विरोध जता रहे हैं।
मंदसौर के किसानों ने बचे हुए दूध का इस्तेमाल मिठाई बनाने के लिए गांव वालों में वितरित करने का फैसला किया है। साथ ही यह मिठाई किसानों में ही बांटने की तैयारी है। मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों ने स्थानीय मंदिरों में दूध देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि आंदोलन के दौरान दूध डेयरी को नहीं बेचेंगे। मंदसौर के एसपी ने कहा कि स्थिति पूरी तरह से सामान्य है। पुलिस की तैनाती कर दी गई है। अगर स्थिति सामान्य रहती है तो भी पुलिस को हटा भी दिया जाएगा।
बता दें कि किसानों के इस आंदोलन से रोजमर्रा की चीजों को लेकर लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। पिछले साल किसान संगठनों ने मध्य प्रदेश के मंदसौर में अपनी मांगों लेकर आंदोलन किया था, जिसमें राज्य पुलिस की फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी।

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