सांप्रदायिकता के विवाद में एयरटेल, कनेक्शन कटवा रहे उपभोक्ता

नोएडा/दिल्ली। देश में सांप्रदायिकता बढ़ती जा रही है। खासतौर से उत्तर भारत में छोटी-छोटी बातों को लेकर सांप्रदायिक रंग दिया जाता है। इस बार सांप्रदायिकता का मामला ट्विटर पर गूंज रहा है।
एक युवती ने एयरटेल कंपनी के ट्विटर पर तकनीकी मदद मांगी। इस व्यक्ति को मदद देने के लिए एक मुस्लिम कर्मचारी ने ट्विटर पर रिप्लाइ किया और तकनीकी मदद दी। मगर इस युवती ने ट्विटर पर ही लिख दिया कि मैं किसी मुसलमान से मदद लेना नहीं चाहती और मुझे मुसलमानों पर कतई भरोसा नहीं है। इसके बदले एयरटेल की ओर से तुरंत दूसरा एग्जिक्यूटिव मुहैया कराया गया। जिसके बाद ट्विटर पर ही सांप्रदायिकता की जंग छिड़ गई।
कंपनी को लोगों ने काफी बुरा भला कहा और सांप्रदायिकता फैलाने वाली इस युवती की ट्विटर पर जमकर आलोचना की जा रही है। जैसे ही यह बात जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पता चली तो उन्होंने इसकी निंदा की और एयरटेल कंपनी के सभी कनेक्शन कटवाने की बात कह दी। ट्विटर पर लोग एयरटेल कंपनी को भी घेर रहे हैं। क्योंकि कोई ग्राहक इस तरह की बात करता है तो कंपनी को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। मुस्लिम समुदाय के लोग एयरटेल कंपनी के कनेक्शन कटवाने लगे हैं। उनका कहना है कि कंपनी भेदभाव कर रही है। एक उपभोक्ता सांप्रदायिकता की बातें करता है तो कंपनी को उसका साथ कतई नहीं देना चाहिए। लेकिन यहां पर एयरटेल ने सांप्रदायिकता फैलाने वाली इस युवती का पूरा साथ दिया है। इसके बाद वे लोग भी एयरटेल कंपनी के कनेक्शन सरेंडर करने लगे हैं जो धर्मनिरपेक्ष सोच वाले हैं। हालांकि एयरटेल कंपनी की ओर से भी ट्विटर पर कई स्पष्टीकरण दिए गए है। दूसरी ओर हापुड़ में दूध के लिए गाय को ले जा रहे दो लोगों पर कुछ कथित गौरक्षकों ने हमला किया और 60 वर्षीय व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया जबकि दूसरे को बुरी तरह घायल कर दिया। घायल को गंभीरावस्थामें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। थाना पिलखुवा पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि बाकियों की तलाश जारी है। इससे पहले एक ओला कैब ड्राइवर ने मुस्लिम व्यक्ति का नाम सुनते ही उसे ले जाने से मना कर दिया था। जिसके बाद कंपनी की छवि बेहद धूमिल हुई। सवाल है कि देश में यह क्या हो रहा है। क्या इससे देश जुड़ेगा या टूटेगा। आखिर सांप्रदायिकता ना फैले इसके लिए सरकारें क्या कर रही हैं। तरह-तरह के सवाल है मगर निष्कर्ष एक ही है कि सांप्रदायिक तनाव न फैले इसको लेकर सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए।

क्यों हो रही है वारदातें
पहले हिंदू और मुसलमान और फिर जातियों में बांट दिया। यह सदियों से चला आ रहा है मगर सवाल यह है कि अब वारदातें क्यों बढ़ी हैं। हापुड़ जैसी वारदातें कई स्थानों पर हुई मगर, अब तक सरकार की ओर से कोई ऐसी नजीर पेश नहीं की गई जिससे ऐसा करने वालों में डर का माहौल बने।

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