थाना सेक्टर-20 पुलिस ने बिना तफ्तीश किए रिटायर्ड कर्नल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें महिला के साथ छेड़छाड़ और एससी-एसटी एक्ट में जेल भेज दिया।
नोएडा। देश की सीमाओं पर अपनी जान न्यौछावर कर दुश्मनों को अंदर आने से रोकने वाले फौजियों पर पुलिस कितना अत्याचार करती है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। थाना सेक्टर-20 पुलिस ने बिना तफ्तीश किए रिटायर्ड कर्नल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें महिला के साथ छेड़छाड़ और एससी-एसटी एक्ट में जेल भेज दिया। इस मामले में सीसीटीवी फुटेज जिलाधिकारी को मिली तो उन्होंने तत्काल पुलिस को निर्देश दिया कि एडीएम, उनकी पत्नी तथा गनर, घरेलू सहायक व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाए ताकि रिटायर्ड कर्नल को इंसाफ मिल सके।
इस मामले में बड़ी-बड़ी खबरें प्रकाशित की गई। इस पूरे घटनाक्रम को आर्मी के अधिकारियों ने गंभीरता से लिया और तुरंत उन पुलिस वालों पर कार्रवाई करने का आव्हान किया जिन्होंने रिटायर्ड कर्नल को केवल एडीएम के दबाव में आकर जेल भेजा। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या केवल रिटायर्ड कर्नल को जेल भेजने में थाना प्रभारी ही दोषी हैं। हालांकि एससी/एसटी एक्ट की जांच क्षेत्राधिकारी करते हैं।
एसएसपी ने मामले को बढ़ता देख क्षेत्राधिकारी और थाना प्रभारी दोनों का ही तबादला कर दिया। सवाल तबादला करने से खत्म नहीं हो जाता है। सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करने की बेहद जरूरत है क्योंकि सीमाओं पर देश की रक्षा करने वाले खुद असुरक्षित है।
उल्लेखनीय है कि सेक्टर-29 में रिटायर्ड फौजियों ने पुलिस के खिलाफ मार्च निकाला और उन्होंने कहा कि पुलिस का दमन कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस मामले में लीपापोती करते हुए केवल एडीएम के गनर और घरेलू सहायक को गिरफ्तार कर जेल भेजकर इतिश्री कर रही है जबकि मुख्य आरोपी एडीएम और उनकी पत्नी अब भी फरार हैं। क्या पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाई या फिर जानबूझकर पुलिस ने उन्हें भागने का समय दिया? बताया जा रहा है कि एडीएम और उनकी पत्नी इस मामले में हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे लेने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। पुलिस जानकर भी अनजान बनी हुई है। नए थाना प्रभारी मनोज पंत मामले को दबाने के लिए दो गिरफ्तार करके खुद की पीठ थपथपा रहे हैं। आर्मी पुलिस ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया है और थाना सेक्टर-20 पहुंच कर उन्होंने दोनों ही पक्षों की एफआईआर को पढ़ा और उसकी फोटो कॉपी ली। देखना यह है कि इस मामले में क्या पुलिस एडीएम और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर पाती है या नहीं।