सीबीआई अदालत में 210 लोगों की हुई गवाही, नहीं मिला जवाब संतोषजनक
मुंबई। सोहराबुद्दीन केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि सबूतों की कमी की वजह से आरोपियों को मामले से रिहा किया जाता है। कोर्ट ने गवाहों के बयान से पलटने पर यह भी कहा कि अगर कोई बयान न दे तो इसमें पुलिस की गलती नहीं है। सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में स्पेशल सीबीआई जज ने अपने आदेश में कहा कि सभी गवाह और सबूत साजिश और हत्या को साबित करने के लिए काफी नहीं थे। कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले से जुड़े परिस्थितिजन्य सबूत भी पर्याप्त नहीं है। सीबीआई कोर्ट के अनुसार, ‘तुलसीराम प्रजापति को एक साजिश के तहत मारा गया, यह आरोप भी सही नहीं है!
सीबीआई कोर्ट के जज ने कहा, सरकारी मशीनरी और अभियोजन पक्ष ने काफी प्रयास किया और 210 गवाहों को सामने लाया गया लेकिन उनसे कोई संतोषजनक सबूत नहीं मिल पाया और कई गवाह अपने बयान से पलट गए। इसमें अभियोजक की कोई गलती नहीं है अगर गवाह नहीं बोलते हैं।
2010 से इस मामले की जांच सीबीआई कर रहा था
बता दें कि गुजरात एटीएस और राजस्थान एसटीएफ ने अहमदाबाद के नजदीक एक एनकाउंटर में मध्य प्रदेश के अपराधी सोहराबुद्दीन शेख को मार गिराया था। इसके कुछ सालों बाद सोहराबुद्दीन के सहयोगी तुलसीराम प्रजापति को भी एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था। 2010 से इस मामले की जांच सीबीआई कर रहा था। 22 नवंबर को सीबीआई ने केस के 500 में से 210 गवाहों की जांच करके केस बंद किया था। इसके बाद 5 दिसंबर को सीबीआई के विशेष लोकअभियोजक बीपी राजू ने स्वीकार किया था अभियोजन के केस में कई लूपहोल थे और सीबीआई ने चार्जशीट जल्दबाजी में दाखिल की थी।
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