राम मंदिर मुद्दे पर सीएम योगी बोलेअध्यादेश लाना संभव नहीं

नई दिल्ली। अयोध्या जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जनवरी तक टलने के बाद एक न्यूज चैनल के इंटरन्व्यू में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभी ये मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है और राम मंदिर के निर्माण को लेकर सरकार की मंशा अध्यादेश लाने की नहीं है।
राम मंदिर के निर्माण को लेकर उन्होंने कहा कि देश में शांति और सौहार्द के लिए, व्यापक आस्था का सम्मान करने के लिए जो भी विकल्प हो सकते हैं उन पर विचार होना चाहिए। उन्होंने कहा, देश की न्यायपालिका के प्रति सबका सम्मान है, हम भी उन संवैधानिक बाध्यताओं से बंधे हैं। माननीय न्यायालय इसका सामाधान निकाले। अगर न्याय में देरी होती है तो लोगों को निराशा होती है। कोई न कोई रास्ता जरूर निकलेगा। योगी आदित्यनाथ ने ये मंशा जाहिर की कि इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द हो। उन्होंने कहा, अच्छा होता कि कोर्ट इस मामले की जल्दी सुनवाई करके शांति और सौहार्द के लिए जल्दी फैसला कर देता। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद ही ये कहा कि फिलहाल इसकी कोई संभावनाएं नहीं दिख रही हैं।
संतों को धैर्य का पाठ पढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम ने कहा, आस्थावान लोग, शांति और सौहार्द के पक्षधर इसका समाधान जल्द से जल्द चाहते हैं। संतों का हम सम्मान करते हैं, वे लोग हमेशा इस मुहिम के साथ रहे हैं। विपत्ति में इंसान को धैर्य नहीं खोना चाहिए। ये संक्रमण काल का दौर है। किसी भी स्थिति से निपटने के सवाल पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वीकार किया कि शांति-व्यवस्था स्थापित करना उनकी सरकार जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, श्री राम जन्मभूमि, अयोध्या, उत्तर प्रदेश में है। कानून व्यवस्था का दायित्व हमारे ऊपर है, हम इसे निभाएंगे। अगर आपसी सहयोग से काम हो जाए तो सबसे बेहतर होगा।अयोध्या में जमीन विवाद सत्तर सालों से चला आ रहा है, अयोध्या विवाद हिंदू मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव का बड़ा मुद्दा रहा है। अयोध्या की विवादित जमीन पर राम मंदिर होने की मान्यता है। मान्यता है कि विवादित जमीन पर ही भगवान राम का जन्म हुआ।दुओं का दावा है कि राम मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई.

 

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