रामगंगा में प्रदूषण पर कोर्ट ने प्रशासन से मांगी रिपोर्ट

बरेली। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरेली में रामगंगा नदी में फैक्ट्रियों और उद्योगों के रासायनिक कचरों और जहरीले केमिकल के प्रवाह के मामले में बरेली जिला प्रशासन से 4 हफ्ते में रिपोर्ट तलब किया है। हाईकोर्ट ने रामगंगा नदी के किनारे स्थित गांवों में बढ़ रहे कैंसर रोग पर रोकथाम और 5 लोगों की मौत को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी बरेली, मुख्य चिकित्सा अधिकारी बरेली और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय तथा न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव की खंण्डपीठ ने ह्यूमन राइट्स ला नेटवर्क के विधि छात्र अनुज सिंह रघुवंशी, वेदिका सिंह और अन्य कई विधि छात्राओं की याचिका पर दिया है। याचियों का कहना है कि भूरीपुर गांव आर्सेनिक रसायन और जहरीले केमिकल के नदी में बहाव के कारण 5 लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है और दर्जनों लोग कैंसर की चपेट में आ चुके है। जिनका इलाज जिला अस्पताल में हो रहा है। राज्य सरकार के स्थायी अधिवक्ता बीपी सिंह और बोर्ड के अधिवक्ता जेएन मौर्य ने भी पक्ष रखा। इनका कहना था कि इंडिया मार्का दो हैंडपंप लगाये गए है। पानी की जांच के लिए नमूना भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर कार्यवाही की जायेगी।

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