राजस्थानः काग्रंेस में कलह का फायदा उठाने की तैयारी में भाजपा
राजस्थान(Rajasthan) में कांग्रेस (Congress) अपनों के बीच उलझी हुई है। राजनीतिक उथल-पुथल खत्म होती नजर नहीं आ रही है। भाजपा(BJP) कांग्रेस विधायकों के लंबित इस्तीफे को लेकर सत्तारूढ़ सरकार को घेरने के लिए कानूनी तरीके अपनाने पर विचार करके फायदा उठाने के चक्कर में है। विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौर ने कहा कि राजस्थान विधानसभा नियम 173 (2) की प्रक्रिया के नियमों के अनुसार यदि कोई सदस्य व्यक्तिगत रूप से स्पीकर को अपना इस्तीफा देता है। साथ ही सूचित करता है कि इस्तीफा स्वैच्छिक और वास्तविक है तो अध्यक्ष इस्तीफा मंजूर कर सकता है।
मालूम हो कि गहलोत के उत्तराधिकारी को मुख्यमंत्री(CM Ashok Gehlot) के रूप में निर्धारित करने के लिए संडे को बुलाई गई। सीएलपी की बैठक के बाद राज्य राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है। बैठक में 90 से अधिक विधायकों ने भाग नहीं लिया। राजनीतिक संकट के दौरान पार्टी के साथ खड़े 102 विधायकों में से सीएम चेहरा चुनने की मांग कर रहे हैं। जो जुलाई 2020 में सचिन पायलट द्वारा विद्रोह के बाद उभरा। विधायकों ने 25 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा दिया था।
राठौर ने कहा कि भाजपा कांग्रेस विधायकों के लंबित इस्तीफे पर कानूनी रुख अपनाने या न करने पर चर्चा करेगी। उन्होंने कहा, नियम के मुताबिक यदि कोई विधायक अध्यक्ष के समक्ष इस्तीफा देने की इच्छा व्यक्त करता है तो यह पर्याप्त है।