बिल्डरों को राहत, भ्रष्टाचार पर प्रहार
ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन ए.सी. पांडे की अध्यक्षता में आज 112वीं बोर्ड बैठक हुई जिसमें कई अहम मुद्दों पर मुहर लगाई गई। बैठक के बाद ए.सी. पांडे ने बताया कि 4000 वर्ग मीटर से कम के भूखंडों से साक्षात्कार प्रणाली खत्म कर ड्रा के जरिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिनकी यूनिटें पहले से ही चल रही है उन्हें भूखंड देने पर प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा जो भूखंड खरीददार एक मुस्त पैसा प्राधिकरण में जमा कराएगा उसे 5 प्रतिशत छूट भी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि भूखंडों के एक्सटेंशन के लिए ढाई सौ से लेकर 2000 वर्ग मीटर तक के भूखंडों के लिए कंप्लीशन का समय 24 महीने किया है, जबकि 2000 से 10000 मीटर तक के लिए 36 महीने और 10, 000 वर्ग मीटर से ऊपर वाले भूखंडों के लिए 48 माह का समय निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि रिशिड्यूल पॉलिसी में भी बदलाव किया गया है। इसकी तिथि बढ़ाकर 31 अगस्त 2018 तक की गई है ताकि बिल्डरों को राहत मिल सके। ए.सी. पांडे ने कहा कि भूखंडों की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके अलावा इस साल का बजट 3639 करोड़ रुपए रखा गया है जिसमें 1000 करोड़ भूमि अधिग्रहण, 100 करोड़ जेवर एयरपोर्ट, 135 करोड़ मेट्रो आदि के लिए धन निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल यह बजट 1745 करोड़ रुपए का था। इस साल बजट में इजाफा हुआ है। इससे विकास कार्यों को तेज गति से पूरा कराया जाएगा। इस बोर्ड बैठक में फैसला लिया गया है कि दादा-दादी अब अपने पोते-पोतियों को प्रॉपर्टी का हस्तांतरण शुल्क के बिना कर सकते हैं।
ग्रेनो के सभी गांवों को ओडीएफ करना प्राथमिकता : एसी पांडे
मुख्य सचिव एवं प्राधिकरण चेयरमैन ए.सी. पांडे ने कहा कि ग्रेटर नोएडा के सभी गांवों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) करना प्राथिकता है और सबसे बड़ा हमारा टारगेट है। इसके लिए बजट में छह करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं जो 124 गांवों में उन लोगों में वितरित किए जाएंगे जिनके यहां शौचालय नहीं है। एक शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपए दिए जाएंगे। स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह अमली जामा पहनाया जागा।