लखनऊ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदेश के लोगों को बिजली के दरों में कटौती कर राहत दी है। वहीं, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य के लोगों को ‘जोर का झटका धीरे सेÓ देने की तैयारी में है। बिजली उपभोक्ताओं पर दोहरी मार पडऩे वाली है। क्योंकि पहले से ही बिजली की दरें महंगी है और एक बार फिर दरें बढऩे से उपभोक्ता की जेब पर तगड़ा असर पड़ेगा। उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को सितंबर से ज्यादा बिजली का बिल देना पड़ सकता है।
बिजली की दरों में बढ़ोतरी प्रस्ताव पर अंतिम सुनवाई बुधवार को पूरी हो चुकी है। प्रस्ताव पर सुनवाई पूरी होने के बाद अब राज्य विद्युत नियामक आयोग नई दरें लागू करने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर देगा। सूबे में नई बिजली दरें अगस्त के आखिर तक घोषित कर दी जाएंगी। इसे सितंबर के पहले हफ्ते से लागू भी कर दिया जाएगा।
शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की 0-150 यूनिट की स्लैब की बिजली दर 6.20 रुपए प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव दिया गया है। जिनकी खपत 500 यूनिट से ज्यादा है उनकी बिजली 1 रुपए प्रति यूनिट बढ़ाने का प्रस्ताव है। ग्रामीण उपभोक्ता को अनलिमिटेड बिजली के लिए फिक्स 400 रुपए देने पड़ते हैं, जिसे अब बढ़कर 500 रुपए करने का प्रस्ताव है। इसी तरह, बीपीएल उपभोक्ताओं के लिए बढ़ोतरी प्रस्ताव दिया गया है।
ै. प्रस्ताव में वाणिज्यिक, उद्योगों की श्रेणी में 10 से 15 प्रतिशत दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है.