14 अगस्त को अधिकारियों द्वारा अधिग्रहीत भूमि की जोताई न करने देने पर 15 अगस्त दोपहर 12 बजे मंडोला समेत छह गांव के 11 पुरुष और सात महिलाएं आमरण अनशन पर बैठी हैं। 20 अगस्त को काफी जद्दोजहद के बाद किसानों ने महिलाओं का अनशन खुलवा दिया था।
गाजियाबाद। भूमि अधिग्रण के उचित मुआवजे की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे नौ में से एक किसान की तबीयत बृहस्पतिवार रात बिगड़ गई। इस पर समाज के लोगों ने उनका अनशन समाप्त करा दिया। शेष बचे आठ किसानों का आमरण अनशन दसवें दिन भी जारी रहा। शुक्रवार सुबह भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन के पदाधिकारियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों को समर्थन दिया।
बता दें कि 14 अगस्त को अधिकारियों द्वारा अधिग्रहीत भूमि की जोताई न करने देने पर 15 अगस्त दोपहर 12 बजे मंडोला समेत छह गांव के 11 पुरुष और सात महिलाएं आमरण अनशन पर बैठी हैं। 20 अगस्त को काफी जद्दोजहद के बाद किसानों ने महिलाओं का अनशन खुलवा दिया था।
किसान अनशन पर मर जाएंगे, लेकिन इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाएंगे। किसान नेता मनवीर तेवतिया ने कहा कि अधिकारी किसानों पर आमरण अनशन समाप्त करने का दबाव बना रहे हैं।