झुग्गी-झोपड़ी के पास नही बना एक भी टॉयलेट

नोएडा। शहर में आमजन की सुविधा के लिए बनाए जा रहे टॉयलेट्स विज्ञापन के लिए हैं या फिर लोगों की सुविधा के लिए इसको लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। ‘जय हिन्द जनाबÓ ने कुछ ही स्थानों पर बनाए जा रहे टॉयलेट्स के टेंडर पर सवाल खड़े किए थे।
हमारे पाठकों ने बताया कि सेक्टर-9 और 8 झुग्गियों की ओर टॉयलेट की बेहद आवश्यकता है। मगर, यहां पर एक भी टॉयलेट नहीं बनाया गया है हालांकि अधिकारियों का दावा है कि यहां टॉयलेट बनाए जाने हैं।
जहां पर विज्ञापन तुरंत लगाए जा सकते हैं उन बिंदुओं को चिन्हित कर इस टेंडर को लेने वाली कंपनियों ने टॉयलेट आनन-फानन में बना दिए हैं। सेक्टर-12-22 चौराहे पर टॉयलेट बनकर विज्ञापन भी लग चुका है। सवाल खड़ा होता है कि जहां टॉयलेट बनाने की प्राथमिकता देनी चाहिए थी वहां पर सबसे बाद में क्यों टॉयलेट बनाए जाएंगे।
पीएम मोदी के महत्वाकांक्षी स्वच्छता अभियान के तहत यह टॉयलेट बनाने की योजना लाई गई थी। मगर, इस योजना की आड़ में एक बहुत बड़े घोटाले की बू आने लगी है। बीओटी के आधार पर बनाए जा रहे ये शौचालय क्या केवल कमाई के लिए ही है या फिर वाकई जनसेवा है। शहर के मुख्य चौराहों पर और उनसे चंद कदमों की दूरी पर ये टॉयलेट बनाए गए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि पब्लिक यूटिलिटी के बेहद आवश्यकता हो लेकिन मॉल के बाहर बनाने का क्या औचित्य है। यह केवल प्राधिकरण अधिकारी ही समझा सकते हैं।
सामाजिक संगठनों ने इस मामले को लेकर जिलाधिकारी से शिकायत भी की है। जिसमें कहा गया है कि इतनी अधिक मात्रा में बने टॉयलेट शहर की फिजा बिगाड़ रहे हैं।

प्राधिकरण के उच्च अधिकारी योजना से करने लगे किनारा

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