जेवर एयरपोर्ट:अधिकारियों और किसानों में कई मुद्दों पर बनी सहमती
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जेवर एयरपोर्ट:अधिकारियों और किसानों में कई मुद्दों पर बनी सहमती

ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण से प्रभावित गांवों के किसानों की समस्याओं को लेकर चल रहा गतिरोध समाप्त हो गया है। दरअसल, भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में चल रहे धरने पर 12 जून को जेवर के साबौता कट पर भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत हुई थी। जिसमें यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत पहुंचे थे। उस दिन निश्चित हुआ था कि 22 जून को तीनों प्राधिकरण के अधिकारी और जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा जेवर एयरपोर्ट के भूमि अधिग्रहण से जुड़े बिंदुओं पर किसानों से चर्चा करेंगे।
वीरवार को भारतीय किसान यूनियन की मीटिंग जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह, नोएडा व ग्रेटर नोएडा की सीईओ रितु महेश्वरी, एसीईओ आनंद वर्धन, ओएसडी हिमांशु, एडीम नितिन मदान, एडीएम (एलए) बलराम सिंह, ओएसडी शैलेंद्र सिंह, प्रसून कुमार द्विवेदी और एसडीएम अभय सिंह के साथ बैठक हुई है।

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जिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के हुए भूमि अधिग्रहण में पट्टे या शोर की जमीन है। मुआवजे पर सहमति बन गई है। उस जमीन का किसानों को मिलेगा। किसानों की विस्थापन से जुडी की मांगों पर भी विचार चल रहा है। न्यूनतम भूखंड का आकार 50 से बढ़कर 100 वर्ग मीटर किया जाए। परिवार के एक सदस्य को नौकरी या 5,00,000 रुपये मुश्त  प्रावधान है। इसे बढ़ाकर 12,00,000 किया जाए।
सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि 9 गांव का 64.7% मुआवजा बांटने की प्रक्रिया 26 जून से होगी। 28 जून के बाद गांव में कैंप लगाकर मुआवजा वितरण किया जाएंगा। बाकी गांवों में उसके बाद वितरण करेंगे। आबादी और बैकलीज से जुडी आपत्तियां लेकर उन पर कार्यवाही हो रही है। जल्द ही किसानों को आबादी का लाभ मिलेगा।

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नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि किसानों की आबादी बैक लीज के लिए आपत्तियां दी गई थीं। उन पर कार्य पूर्ण हो चुका है। अब 26 जून से 10 गांवों का आबादी निस्तारण। गांवों से जुड़े प्रकाशन करवाए जाएंगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा कि जब तक किसान संतुष्ट नहीं होंगे और समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तब तक किसी भी गांव का विस्थापन नहीं होगा। किसानों के हक की लड़ाई हम लड़ते रहेंगे।
इस मौके पर पवन खटाना, अनित कसाना, राजीव मलिक, सुरेंद्र ढाका, राजे प्रधान, सुनील प्रधान, रोबिन नागर, बिन्नू, हरेंद्र भाटी बिसरख, पीतम सिंह, अमित डेढा, सोनू कसाना, राजू चौहान, सत्ते भाटी, बृजपाल, नीरज, विजयपाल मास्टर, विपिन चौधरी, हरि किशन शर्मा, सूबेदार राम सारण, जीते बैसला, जसराम और लखीचंद वकील आदि सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

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