‘जरूरत हो या न हो शौचालय बनाओ
खास बात यह है कि जहां शौचालयों की आवश्यकता भी नहीं है वहां भी शौचालय बनाए जा रहे हैं मगर इसकी उपयोगिता इसलिए है कि शौचालयों की छत पर विज्ञापन लगाए जाने हैं।
नोएडा। प्राधिकरण ने बीओटी आधार पर शहर की विभिन्न इलाकों में शौचालय बनाने का टेंडर जारी किया है। इस टेंडर में एक ही कंपनी को 90 प्रतिशत शौचालय बनाने का ठेका दिया गया है। खास बात यह है कि जहां शौचालयों की आवश्यकता भी नहीं है वहां भी शौचालय बनाए जा रहे हैं मगर इसकी उपयोगिता इसलिए है कि शौचालयों की छत पर विज्ञापन लगाए जाने हैं। इससे कंपनी को करोड़ों रुपए महीना की कमाई होगी और प्राधिकरण को कुछ नहीं दिया जाएगा। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस योजना के तहत जहां भी विज्ञापन की दृष्टि से बेहतर बिंदु समझा गया वहां पर शौचालय निर्माण शुरू कर दिया गया है। सवाल उठता है कि क्या प्राधिकरण शहर को शौचालय से ही भरना चाहता है।
सूत्रों के अनुसार इस टेंडर में एक मंत्री की सिफारिश पर एक कंपनी को लाभ पहुंचाया गया है। प्राधिकरण अधिकारी भी इस पूरे खेल में शामिल हैं। धीरे धीरे सामाजिक संगठन इस मुद्दे को उठाने लगे हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी से भी शिकायत की गई है। कई स्थानों पर ग्रीन बेल्ट और फुटपाथ पर शौचालय बनाए गए हैं। टेंडर के नियमानुसार विज्ञापन उस वक्त लगने चाहिएं जब टॉयलेट पूरी तरह चालू हो जाएं मगर टॉयलेट अधूरे पड़े हैं मगर विज्ञापन लगा दिए गए हैं। गोल्फ कोर्स के बाहर सड़क पर ही शौचालय निर्माण का कार्य चल रहा है।