चर्च में पढ़ रहे थे 86 छात्र, भूकंप से 34 की मौत

जकार्ता। भूकंप और सुनामी के बाद राहत कार्य के दौरान सुलावेसी आईलैंड स्थित एक चर्च से 34 छात्रों के शव बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि भूकंप आने से पहले 86 छात्र जोनूग चर्च ट्रेनिंग सेंटर के बाइबिल कैंप में शामिल हुए थे। बाकी 52 छात्रों की तलाश की जा रही है। वहीं, इंडोनेशिया में भूकंप-सुनामी से मरने वालों की संख्या अब तक 1234 हो गई है।

इंडोनेशिया में भूकंप पीडि़तों की मदद करने के लिए भारतीय वायुसेना राहत सामग्री लेकर जकार्ता के लिए मंगलवार को रवाना हो गई। आईएएफ सी-130जे हरक्यूलिस और सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट से टेंट, जेनरेटर और दवाइयों के साथ 37 मेडिकल टीमें भेजी गई हैं।

इंडोनेशिया रेडक्रॉस के प्रवक्ता औलिया अर्रिआनी ने बताया कि सभी शव एम्बुलेंस तक पहुंचाने के लिए राहत दल के सदस्यों को करीब डेढ़ घंटे तक कीचड़ में चलना पड़ रहा है। इससे राहत कार्य में दिक्कत हो रही है।
28 सितंबर को सुलावेसी आईलैंड में 7.5 मैग्निट्यूड के भूकंप के बाद मंगलवार को इंडोनेशिया के सुम्बा आईलैंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इनकी तीव्रता 6.0 दर्ज की गई। फिलहाल सुम्बा में किसी भी तरह की जनहानि की सूचना नहीं है। वहीं, मौसम विभाग ने सुनामी का अलर्ट जारी नहीं किया है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि इंडोनेशिया में बार-बार सुनामी आने की वजह पालु खाड़ी का आकार है। बेंटले स्थित कर्टिन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर कुनैन जैने ने बताया कि पालु में बनी इमारतों से पालु खाड़ी का आकार और भौगोलिक स्थितियां बदल गई हैं। इसकी वजह से यहां 2-3 मीटर ऊंची लहरें उठना आम बात हो गया है।

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