नई दिल्ली। मेहनत और कुछ कर गुजरने का जज्बा किसी इंसान को सफलता की सीढ़ी पर चढ़ाता है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के नीशू कुमार की कहानी भी ऐसी है जहां उनकी कड़ी मेहनत व शानदार प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय फुटबॉल टीम में जगह दिलाई। भोपा थानाक्षेत्र के रहने वाले नीशू के पिता एक कॉलेज में चपरासी थे। 21 साल के नीशू को नेशनल टीम में शामिल किया गया है। उनका चयन डिफेंडर के रूप में हुआ है। नीशू के परिजनों का कहना है कि क्रिकेट के आगे फुटबॉल को उनके इलाके में ज्यादा कोई नहीं जानता। हालांकि, बेटे के राष्ट्रीय टीम में सिलेक्शन पर परिवार वाले काफी खुश हैं। नीशू इंडियन सुपर लीग में बेंगलुरु एफसी के लिए खेलते हैं जिसमें शानदार प्रदर्शन का इनाम उन्हें राष्ट्रीय टीम में चयन के तौर पर मिला। नीशू एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। गरीबी और असुविधाओं के बावजूद नीशू ने फुटबॉल के प्रति अपने जुनून को कम नहीं होने दिया। नीशू कहते हैं, मैंने 5 साल की उम्र से ही फुटबॉल खेलना शुरू किया था। इसके बाद स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर की देख-रेख में प्रैक्टिस की।