गोरखपुर विवि के दो प्रोफेसर और विधायक के भतीजे पर एससी-एसटी का केश दर्ज

लखनऊ। गोरखपुर विश्वविद्यालय (बीएचयू) में दो प्रोफेसरों पर विवि के एक छात्र ने एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि प्रोफेसर छात्र को परेशान करते थे। जबकि आगरा में विधायक के एक भतीजे पर एससी-एसटी का मुकदमा दर्ज कराया है। बताया जाता है कि एक युवक अपनी तेज रफ्तार बाइक से जा रहा था और उसने विधायक के भतीजे पर बाइक से कीचड़ उछाल दिया।
विधायक के भतीजे ने कीचड़ उछालने पर युवक की पिटाई कर दी बस फिर क्या था उक्त युवक संयोग से हरिजन निकला और उसने एससी एसटी एक्ट का सहारा लेकर मुकदमा दर्ज करा दिया।

शोध छात्र दीपक के जहर खाने के मामले में दर्ज धमकी के मुकदमे में अनुसूचित जाति-जनजाति उत्पीडऩ निवारक अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट) की धाराएं भी बढ़ा दी गई हैं। विवेचक ने छात्र के बयान के आधार पर दर्शन शास्त्र विभाग के दो शिक्षकों को इस मामले में अभियुक्त बना दिया है। एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होने के बाद अब इस मामले की जांच सीओ कैंट करेंगे।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में दर्शन शास्त्र के शोध छात्र दीपक कुमार ने 20 सितंबर को जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की थी। दोस्तों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था।

जांच में पता चला कि 18 सितंबर को दीपक ने कुलपति को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि दर्शन शास्त्र विभाग में कार्यरत शिक्षक द्वारका नाथ और चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव उसका उत्पीडऩ कर रहे हैं। पत्र में उसने लिखा था कि 18 सितंबर की सुबह छात्र संघ चौराहे के पास कुछ युवकों ने दोनों प्रोफेसर का नाम लेकर उनके खिलाफ की गई शिकायत वापस लेने की धमकी दी। बात न मानने पर जान से मारने की धमकी दी।

युवकों ने जाति सूचक गाली भी दी। मुख्य नियंता प्रो. गोपाल प्रसाद ने दीपक द्वारा कुलपति को भेजी गए शिकायती पत्र के आधार पर दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की जांच कर रही कैंट पुलिस ने सोमवार को आरोपित शिक्षकों को नामजद करते हुए एससी-एसटी एक्ट की धारा बढ़ा दी।

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